औने-पौने दामों में किसान धान बेचने को मजबूर
औने-पौने दामों में किसान धान बेचने को मजबूर
पैक्सों के उदासीन रवैये के कारण प्रखंड क्षेत्र में धान खरीद का कार्य काफी मंथर पतरघट. पैक्सों के उदासीन रवैये के कारण प्रखंड क्षेत्र में धान खरीद का कार्य काफी मंथर गति से चल रहा है. जिसके कारण औने-पौने दामों में किसानों द्वारा धान बेचे जाने की मजबूरी बन गयी है. इससे किसानों को बेवजह घाटा सहन करना पड़ रहा है. सरकार द्वारा धान खरीद किए जाने के दावे व आंकड़ों को यहां के किसान सिर्फ कागजी आंकड़ों का खेल बताते हैं. स्थिति के मुताबिक यहां आज भी खरीदारी के अभाव व भुगतान की जटिल प्रक्रिया को देखते हुए धान उत्पादक किसान सरकारी घोषणाओं के चक्कर में बेचारे बने हुए हैं. नतीजतन यहां के किसान अपना धान बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. सरकारी घोषणाओं के मुताबिक धान खरीद कि तिथि एक नवंबर 2025 से आगामी 28 फरवरी 2026 तक निर्धारित कर इस प्रखंड को 31 हजार 645 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य दिया गया हैं. लेकिन पैक्स केंद्रों द्वारा धान खरीद के प्रति गहरी अभिरुचि नहीं दिखाई जा रही है. सरकार की ओर से इस बार सामान्य धान का समर्थन मूल्य 2369 रुपया प्रति क्विंटल व ग्रेड ए धान का कीमत 2389 रुपया प्रति क्विंटल घोषित किया गया है. यहां के किसान इस बार इस उम्मीद में थे कि निर्धारित तिथि से धान खरीद शुरू होने पर वह पैक्स के माध्यम से अपनी उपज बेच सकेंगे. लेकिन लचर सरकारी व्यवस्था के कारण किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है. पैक्स द्वारा धान खरीद में इस बार गहरी अभिरूचि नहीं लिए जाने से यहां के किसान अपना अनाज यहां के थोक तथा खुदरा व्यापारी के हाथों धान बेचने को मजबूर बने हुए हैं. किसानों द्वारा खुले बाजार में 1500 से 1700 रुपया प्रति क्विंटल की दर से अभी धान बेचा जा रहा है. खुले बाजार में धान बेचे जाने से किसानों को औसतन 600 से 800 रुपया प्रति क्विंटल की हानि हो रही है. ऐसे में पैक्सों द्वारा बाजार के व्यापारियों व बिचौलियों के माध्यम से धान खरीदकर सरकार द्वारा दिए गये लक्ष्य की प्राप्ति कर ली जाये तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. धरातल पर स्थिति के आकलन से यह स्पष्ट लगता है कि अब यह 50 से 75 प्रतिशत किसानों द्वारा खुले बाजार में अपना धान बेच दिया है. ऐसे में पैक्सों द्वारा बाजार के व्यापारियों से एवं बिचौलियों से हीं धान धान खरीदकर लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं. असली बात यह है कि जब किसानों के पास धान बेचने के लिए बचेगा हीं नहीं तो धान खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिए धान कहां से आयेगा और अगर धान खरीद लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो जाती है तो जाहिर सी बात यह है कि वह धान किसानों का नहीं होकर बाजार का ही होगा. ऐसे में किसानों के हित की घोषणा सिर्फ कागज पर हीं नजर आयेगी. जिसके कारण सभी किसान हताश एवं निराश हो गये हैं. किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर यहां के अनाज व्यापारी और बिचौलियों की चांदी कट रही है. इस बाबत प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी अंबिका प्रसाद सिंह ने बताया कि क्षेत्र के कुल ग्यारह पैक्सों में से मात्र सात पैक्स के द्वारा ही धान खरीद शुरू की गयी है. जिसमें अब तक विभाग द्वारा दिए गये लक्ष्य के अनुपात में सात पैक्स द्वारा 4322 क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है. उन्होंने बताया कि विशनपुर पैक्स द्वारा 433 क्विंटल, धबौली पूर्वी पैक्स द्वारा 433 क्विंटल, धबौली दक्षिणी पैक्स द्वारा 866 क्विंटल, धबौली पश्चिमी पैक्स द्वारा 425 क्विंटल, जम्हरा पैक्स द्वारा 433 क्विंटल, किशनपुर पैक्स द्वारा 866 क्विंटल व पस्तपार पैक्स द्वारा 866 क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है तथा विभाग द्वारा दिए गये निर्धारित लक्ष्य को हासिल किए जाने के लिए पैक्स द्वारा धान खरीद की प्रकिया लगातार जारी रहने की बात बतायी. उन्होंने शेष चार पैक्स द्वारा धान खरीद की प्रकिया शुरू नहीं किए जाने में तकनीकी गड़बड़ी का मामला बताया. उन्होंने बताया कि पतरघट पैक्स का सलेक्शन नहीं किया गया है. पामा पैक्स में अध्यक्ष एवं पैक्स प्रबंधक के बीच आपसी समन्वय नहीं होने के कारण पामा पैक्स को किशनपुर पैक्स में टैग कर दिया गया है. गोलमा पूर्वी पंचायत के पैक्स प्रबंधक द्वारा त्याग पत्र दिए जाने से मामला उलझा हुआ है. जबकि गोलमा पश्चिमी पंचायत के पैक्स को विभाग द्वारा डिफाल्टर घोषित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि जिस भी पैक्स ने धान खरीद शुरू नहीं की है. चाहे जिस भी प्रकार की गड़बड़ी हो. उस पैक्स को बगल के पैक्स में टैग कर धान खरीद शुरू करवाया जायेगा. किसानों की सुविधाओं को उच्च प्राथमिकता देते हुए हर हाल में उचित कीमत पर धान खरीद की जायेगी. उसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को स्वीकार नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा धान खरीद में दिए गये लक्ष्य को हर कीमत पर पूरा किया जायेगा. उन्होंने बताया कि किसानों को धान बिक्री करने में अगर किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न होती हैं. उसके लिए विभाग द्वारा ई सुगम पोर्टल वेबसाइट पर जारी किया है. जहां किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर अपनी समस्या पोर्टल पर दर्ज करवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि किसान अपनी फसल पैक्स में कभी भी बेच सकते हैं तथा 48 घंटे के अंदर उन किसानों को उसकी उचित कीमत मिल जायेगा.
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