मोबाइल नंबर डालते ही आता था OTP, पूर्णिया में साइबर फ्रॉड का बड़ा खुलासा, 1.94 लाख डॉलर की क्रिप्टो करेंसी जब्त
Purnia Cyber Fraud: पूर्णिया में साइबर पुलिस ने बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा करते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया है. वह प्रतिबंधित गेमिंग ऐप और फर्जी वेबसाइट के जरिए करोड़ों रुपये की कमाई कर रहा था. जांच में भारी मात्रा में क्रिप्टो करेंसी, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद किए गए हैं.
Purnia Cyber Fraud: साइबर फ्रॉड के जरिये करोड़ों रुपये की संपत्ति बनाने के आरोप में गिरफ्तार युवक ने साइबर दुनिया की सबसे बड़े राज का खुलासा किया है. पूर्णिया जिले के राकेश कुमार को गहन पूछताछ के बाद साइबर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
पुलिस ने गिरफ्तार राकेश के घर से 9 मोबाइल, एप्पल का एक टैब, एक एप्पल का मेक बुक, एक लैपटॉप एवं विभिन्न बैंकों का पासबुक, एटीएम कार्ड के अलावा 2.80 लाख रुपये नकद बरामद किया है. शुरुआती जांच में साइबर पुलिस को राकेश के ट्रस्ट वॉलेट में 87 हजार 809 यूएस डॉलर मिला है. इसके बाद उसके सभी वॉलेट में कुल 1 लाख 94 हजार 670 डालर क्रिप्टो करेंसी मिला.
किन धाराओं में प्राथमिकी दर्ज
पिछले 24 घंटे से अधिक समय तक की गयी छानबीन के बाद मंगलवार को पूर्णिया के अपर पुलिस अधीक्षक आलोक रंजन ने इस मामले का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार युवक के खिलाफ प्रतिबंधित गेमिंग ऐप को प्रमोट करने और फर्जी वेबसाइट बनाकर अवैध धन अर्जित करने के आरोप में आइटी एक्ट एवं बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसके साथ ही आरोपी के विरुद्ध द बेनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट 2019 एवं इंडियन टेली कम्युनिकेशन एक्ट की विभिन्न धारा लगाये गये हैं.
कैसे हुआ इस मामले का खुलासा
एएसपी आलोक रंजन ने बताया कि कुछ दिन पहले ‘शर्ट- इन’ नाम की एक जांच ऐजेंसी द्वारा एक गोपनीय रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी गयी. रिपोर्ट में बताया गया कि ‘प्रोक्सी अर्थ डॉट ओआरबी’ वेबसाइट पर किसी भी भारतीय मोबाइल धारक का मोबाइल सर्च करने पर पूरा डिटेल आ जाता है. इसी सूचना पर बिहार पुलिस ने खुद संज्ञान लेते हुए एसटीएफ पटना, आर्थिक अपराध इकाई पटना, साइबर थाना पूर्णिया के गठित संयुक्त टीम द्वारा इसकी जांच शुरू की गयी.
जांच के क्रम में मुफस्सिल थाना के डिमिया निवासी दीपक मंडल का पुत्र राकेश मंडल का नाम सामने आया. पुलिस ने सबसे पहले राकेश को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इसके बाद पुलिस की जांच टीम ने दीपक मंडल एवं भाई हरिश्चन्द्र से पूछताछ की. घर की तलाशी के क्रम में उसके घर से 9 मोबाइल फोन, एप्पल का एक टेब, एक एप्पल का मेक बुक, एक लैपटॉप एवं विभिन्न बैंकों का पासबुक, एटीएम कार्ड के अलावा 2.80 लाख रुपये बरामद किया गया.
इंस्टाग्राम पर 10 लाख हैं फॉलोअर
पूछताछ में पता चला कि वर्ष 2024 से ही राकेश ऑनलाइन गेम, जिसमें तिरंगा, कैसीनो गेम जो प्रतिबंधित है, डीआईयू विन और द एक्ट आदि को प्रमोट करने वाले पोर्न हब शामिल हैं. इसका स्क्रीन रिकार्डिंग रील बनाकर इंस्टाग्राम एवं टेलीग्राम पर पोस्ट करता था. इससे वह पैसा कमा रहा था. उसके इंस्टाग्राम पर 10 लाख फॉलोअर हैं. इसी क्रम में उसे बहुत से लोगों से दोस्ती हुई. वह क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करता था. ऑनलाइन गेम प्रमोशन में जो पैसा मिलता था, वह क्रिफ्टो करेंसी में लगा देता था.
क्रिप्टो करेंसी में जमा मिला 1.94 लाख डाॅलर
एएसपी ने बताया कि क्रिप्टो करेंसी के पैसे को डिफरेंट वायलेट में रखता था. प्रारंभिक जांच में ट्रस्ट वायलेट में 87 हजार 809 यूएस डालर मिला. इसके बाद उसे सभी वायलेट में डाले गये रकम में कुल 1 लाख 94 हजार 670 डालर कि्फ्टो करेंसी के द्वारा जमा पाया गया. राकेश इन पैसों को पूर्वी चंपारण जिले के गोविन्दगंज थाना के लोरिया निवासी रोहन कुमार के खाते में मंगाता था और फिर एटीएम से रुपये निकाल लेता था.
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इस खेल में राकेश का साथ दिया रौनक ने
इस धंधे में राकेश अकेला नहीं था. जब कमाई होने लगी तब राकेश के साथ रौनक भी जुड़ गया. दोनों मिलकर ढेर सारे एप बनाकर टेलीग्राम में पोस्ट कर कमाई कर रहा था. उन्होने बताया कि जांच के क्रम में पुलिस को एक ऐसा ऐप मिला जिसमें किसी भी व्यक्ति का मोबाइल नंबर डायल करने पर उसका ओटीपी आ जाता था. राकेश ने अपने वेबसाइट के चैनल को प्रमोट करने के लिए बहुत सारे लोगों से जुड़ने की योजना बनायी था. ‘कल्क डॉट एफ आई’ के नाम से इंवेस्टमेंट फ्राड ठगी के लिए राकेश एवं रौनक मिल कर क्रिप्टो एक्सचेंज के लिए ऐप बना रहा था.
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