पूर्णिया कॉलेज के संस्कृत विभाग के वेबिनार में शोध को बढ़ावा देने पर बल
पूर्णिया कॉलेज
पूर्णिया. पूर्णिया कॉलेज के संस्कृत विभाग तथा ग्लोबल संस्कृत फोरम के संयुक्त तत्वाधान में संस्कृत वाड.मय में विज्ञान : आधुनिक संदर्भ विषय पर ऑनलाइन माध्यम से एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. वेबिनार के अध्यक्ष पद को पूर्णिया कॉलेज की प्राचार्य प्रो. डाॅ सावित्री सिंह ने अलंकृत किया. अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि संस्कृत में असीम ज्ञान भंडार है .विद्यार्थियों को चाहिए कि उसका गहन अध्ययन कर शोध के क्षेत्र में आज अधिक से अधिक कार्य करें. तभी हमारा भारत पुनः विश्व गुरु कहलायेगा. संरक्षिका के रूप में ग्लोबल संस्कृत फोरम की बिहार प्रांत की अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. निभा शर्मा ने अपने वक्तव्य में वेद और विज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डाला. संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो दयाशंकर तिवारी ने संस्कृत वाङ्मय के विविध वैज्ञानिक स्वरूपों पर शोध परक व्याख्यान प्रस्तुत किया. प्योर साइंस एवं अप्लाइड साइंस से लेकर पर्यावरण विज्ञान पारिस्थितिक संतुलन आदि में वैदिक संस्कृत से लेकर आधुनिक संस्कृत पर विस्तार से प्रकाश डाला. संस्कृत के स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने इस क्षेत्र में शोध के लिए प्रेरित किया. आभासीय पटल की इस संगोष्ठी की संयोजिका संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सविता ओझा ने कहा कि यह विषय छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम में भी है . इसी कारण संगोष्ठी का यही विषय चुना गया जो समसामयिक भी है. इससे छात्र-छात्राएं संस्कृत के महत्व और शोध विषय के प्रति जागरूक होंगे. कार्यक्रम में ग्लोबल संस्कृत फोरम के इस संगोष्ठी के परामर्शदाता डॉ. राजेश मिश्रा ने ग्लोबल संस्कृत फोरम के संस्कृत के उत्थान हेतु अपने लक्ष्य को प्रस्तुत किया. धन्यवाद ज्ञापन ग्लोबल संस्कृत फोरम की बिहार प्रांत की सदस्या डॉ. गुड़िया कुमारी ने किया. इस कार्यक्रम का प्रारंभ स्नातक तृतीय सत्र के छात्र आदित्य के मंगलाचरण से हुआ तथा समापन शांति पाठ से किया गया. इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में दिल्ली ,उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार के पटना, भागलपुर , मधेपुरा, नालंदा आदि विविध प्रान्त से विद्वानों ने सहभागिता की. पूर्णिया कॉलेज के विभिन्न विभागों के अध्यापकगण डॉ.सीता, डॉ. मनमोहन कृष्ण, मिताली मीनू आदि कई अध्यापकों के साथ-साथ पूर्णिया विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के एवं पूर्णिया कॉलेज , स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं ने इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.
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