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पाकिस्तानी फंडिंग मामले में बिहार पुलिस की बड़ी कार्रवाई, नोएडा के बैंक खाते में मिले 1.68 करोड़ किया फ्रीज

अबतक की पड़ताल में यह बात सामने आयी थी कि पाकिस्तान द्वारा अधिकांश फंडिंग यूपी के फैजाबाद और ओडिशा के विभिन्न बैंक खातों में की गयी है. अनुसंधान के क्रम में पुलिस को यूपी के नोएडा स्थित एक बैंक का एकाउंट हाथ लगा है जिसमें 1.68 करोड़ रुपये जमा किये गये हैं.

पूर्णिया. नेपाल के रास्ते भारत में पाकिस्तान की ओर से की जा रही फंडिंग के मामले में पुलिस की जांच टीम के पास हर दिन नये तथ्य सामने आ रहे हैं. अबतक की पड़ताल में यह बात सामने आयी थी कि पाकिस्तान द्वारा अधिकांश फंडिंग यूपी के फैजाबाद और ओडिशा के विभिन्न बैंक खातों में की गयी है. अनुसंधान के क्रम में पुलिस को यूपी के नोएडा स्थित एक बैंक का एकाउंट हाथ लगा है जिसमें 1.68 करोड़ रुपये जमा किये गये हैं. फिलहाल, पुलिस ने इस बैंक खाते को फ्रीज कर दिया है. अनुमान है कि ये सारे पैसे नेपाल के रास्ते पाकिस्तान के हैंडलर द्वारा भेजे गये हैं.

नोएडा पुलिस से भी संपर्क करने का हो रहा प्रयास

जांच टीम को ऐसे एक दर्जन से अधिक बैंक खातों की जानकारी मिली है जिसमें बड़े पैमाने पर पैसे जमा किये गये हैं. पुलिस इन सभी बैंक खातों को खंगालने में जुट गयी है. जांच टीम का कहा है कि जैसे-जैसे बैंक खातों का पता चलेगा, वैसे-वैसे एकाउंट को फ्रीज किया जायेगा. पुलिस ने बताया कि एकाउंट के फ्रीज किये जाने के बाद यदि कोई खाताधारी सामने नहीं आते हैं तो यह माना जायेगा कि ये सारे पैसे गलत इरादे से पाकिस्तान द्वारा भेजे गये थे. पुलिस ऐसे खाताधारियों का पता लगाने के लिए नोएडा पुलिस से भी संपर्क करने का प्रयास कर रही है.

सीमावर्ती इलाकों के युवक कर रहे कैरियर का काम

अबतक की जांच में यह बात स्पष्ट हो गयी है कि पाकिस्तानी फंडिंग के इस धंधे में सैकड़ों लोग शामिल हैं. इसका एक बड़ा रैकेट है जो पैसे का प्रलोभन देकर युवकों को अपने जाल में फांस रहा है. अधिकांश लोग नेपाल से सटी सीमावर्ती इलाकों के युवक हैं जो नेपाली करंसी को भारतीय करंसी में बदलने में माहिर है. स्थानीय होने के नाते इन युवकों पर किसी को शक भी नहीं होता है. दरअसल, सीमावर्ती इलाकों में कम समय में बड़ा आदमी बनने के चलन में इस तरह के युवक आसानी से किसी बड़े नेटवर्क के जाल में फंस जाते हैं. ऐसे युवकों का एकमात्र लक्ष्य पैसा कमाना होता है. पैसे कमाने के लिए तस्करी और अन्य गलत धंधे खुलेआम होते हैं.

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फंडिंग के मास्टर माइंड की हो रही तलाश

जांच टीम को यह बात समझने में देर नहीं लगी कि पिछले दिनों पूर्णिया में अररिया के गिरफ्तार हुए तीन भारतीय एजेंट महज इस धंधे का छोटा गुर्गा है. फंडिंग का मास्टर माइंड कोई और है, जो पर्दे के पीछे बैठा है. पुलिस को शक है कि भले ही इस फंडिंग का तानाबाना पाकिस्तान में बैठा आका कर रहा हो लेकिन इसको अंजाम तक पहुंचाने वाला यहीं कहीं छिपा हो सकता है. पुलिस उस छुपा रूस्तम की तलाश कर रही है. इस बीच, नेपाल के नेवल और सनराइज बैंक के खातों में पाकिस्तान से भेजे जा रहे पैसे का लेखा-जोखा लिया जा रहा है. इस मामले में गिरफ्तार हुए अररिया जिले के तीन लोगों को पुलिस रिमांड पर लेने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गयी है.

क्या कहते हैं पुलिस के अधिकारी

बिहार पुलिस के साइबर सेल के डीएसपी कौशल किशोर कमल ने कहा कि जांच टीम को नोएडा स्थित एक बैंक एकाउंट का पता चला है जिसमें 1.68 करोड़ रुपये जमा हुए हैं. इस खाते को फिलहाल फ्रीज कर दिया गया है. पुलिस इस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है. गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों को पुलिस रिमांड पर लेने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इन तीनों के पूछताछ से और कई तथ्य सामने आने की उम्मीद है.

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