वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के जमीन अधिग्रहण में तकनीकी पेच

वाराणसी-काेलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर औरंगाबाद, गया, कैमूर और राेहतास जिले में विशेष शिविर लगाकर मुआवजा दिया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | February 20, 2025 1:10 AM

संवाददाता, पटना

वाराणसी-काेलकाता एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर औरंगाबाद, गया, कैमूर और राेहतास जिले में विशेष शिविर लगाकर मुआवजा दिया जायेगा. इन जिलों के कुछ रैयतों में आपसी विवाद है, साथ ही कुछ रैयतों ने भूमि किस्म और मुआवजा दर को लेकर आपत्ति दी है. वहीं, कुछ रैयतों ने आरबिट्रेशन वाद दायर किया है. इस कारण मुआवजे का भुगतान लेने के लिए रैयत बहुत कम संख्या में आवेदन दे रहे हैं. कुछ आवेदकों ने जरूरी दस्तावेज भी जमा नहीं करवाये हैं. इन सभी वजहों से जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अधूरी है और एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है. सूत्रों के अनुसार एनएचएआइ ने राज्य सरकार से जमीन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया था. इसके बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और चारों जिलों के जिला अधिकारियों ने विशेष शिविर लगाकर मुआवजा वितरण का निर्णय लिया है. जानकारों की मानें तो फरवरी के पहले सप्ताह तक औरंगाबाद जिला में इस परियोजना के लिए 31.19 करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है. वहीं कुछ रैयतों ने आरबिट्रेशन वाद दायर किया है, इस कारण संबंधित मौजों से भुगतान के लिए आवेदन नहीं आ रहे हैं. गया जिले में 28 मौजों का दखल-कब्जा एनएचएआइ को सौंप दिया गया है. इसके अलावा आपसी विवाद और भूमि के किस्म को लेकर भी भुगतान की गति बहुत धीमी है. इसके साथ ही कैमूर जिले में 73 मौजों में से 65 मौजों का अवार्ड तैयार किया गया है. इनमें से करीब 57 मौजों में रैयतों को मुआवजा भुगतान के लिए नोटिस दिया गया है. यही हाल रोहतास जिले का भी है. रोहतास जिले में (पैकेज वाराणसी), (पैकेज 4-औरंगाबाद), (पैकेज 5 औरंगाबाद) मुआवजे की राशि कुछ रैयतों को दी गयी है. हालांकि, अधिकांश रैयतों की तरफ से आवेदन नहीं आने के बाद विशेष शिविर लगाकर मुआवजा वितरण का निर्देश दिया गया है.

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