Aadhar Card: सावधान! आधार कार्ड की फोटोकॉपी देना पड़ सकता है भारी, UIDAI ने सुरक्षा के लिए जारी किए नए स्मार्ट फीचर्स
Aadhar card: हर बार होटल, बैंक या सिम कार्ड लेते समय आधार की फोटोकॉपी देना अब खतरे से खाली नहीं रहा. लेकिन राहत की खबर यह है कि अब आधार से जुड़ा आपका डेटा उतना ही शेयर होगा, जितना जरूरी है,उससे ज्यादा नहीं.
Aadhar Card: आधार कार्ड की सुरक्षा और गोपनीयता को और मजबूत करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने एम आधार ऐप में कई नए स्मार्ट फीचर जोड़े हैं.
इन अपडेट्स के बाद यूजर को अपने आधार डेटा पर पहले से कहीं ज्यादा नियंत्रण मिल गया है. अब किसी भी वेरिफिकेशन के दौरान पूरा आधार कार्ड साझा करने की जरूरत नहीं होगी, जिससे धोखाधड़ी और डेटा के दुरुपयोग का खतरा कम होगा.
अब हर जगह सुरक्षित रहेगा आपका आधार डेटा
आधार कार्ड आज हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. होटल में ठहरना हो, बैंक से जुड़ा कोई काम हो या सिम कार्ड लेना, हर जगह आधार वेरिफिकेशन जरूरी हो गया है. लेकिन बार-बार आधार की फोटोकॉपी देना और पूरी जानकारी साझा करना डेटा चोरी और धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ाता है.
इसी चिंता को दूर करने के लिए यूआइडीएआइ ने एम आधार ऐप में कई नए स्मार्ट फीचर जोड़े हैं, जो यूजर की गोपनीयता को पहले से कहीं ज्यादा मजबूत बनाते हैं.
नए अपडेट के बाद ज्यादा सुरक्षित हुआ एम आधार ऐप
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआइडीएआइ ने एम आधार ऐप को अपडेट करते हुए यूजर को अपने आधार डेटा पर अधिक नियंत्रण दिया है. अब किसी भी सत्यापन या लेन-देन के दौरान पूरा आधार कार्ड साझा करने की मजबूरी नहीं होगी. जरूरत के मुताबिक सीमित जानकारी ही शेयर की जा सकेगी, जिससे आधार से जुड़ी धोखाधड़ी और डेटा के दुरुपयोग पर लगाम लगेगी.
क्यूआर कोड से होगा सुरक्षित आधार वेरिफिकेशन
एम आधार ऐप के नए फीचर के तहत यूजर अब सुरक्षित क्यूआर कोड जेनरेट कर सकते हैं. इस क्यूआर कोड में आधार की पूरी जानकारी नहीं होती, बल्कि सिर्फ जरूरी डिटेल्स ही शामिल रहती हैं. इसमें नाम, फोटो, जन्मतिथि, लिंग, पता, आधार नंबर के अंतिम चार अंक, मास्क किया हुआ मोबाइल नंबर और ई-मेल जैसी सीमित जानकारी रहती है. इससे आधार की फोटोकॉपी देने की जरूरत खत्म हो जाती है और संवेदनशील डेटा सुरक्षित रहता है.
अब दिखेगा आधार कब और कहां हुआ इस्तेमाल
एम आधार ऐप में ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री नाम का एक अहम फीचर भी जोड़ा गया है. इसकी मदद से यूजर यह देख सकते हैं कि उनका आधार कब, कहां और किस उद्देश्य से वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल हुआ.
अगर किसी अनजान या संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिलती है, तो यूजर तुरंत यूआइडीएआइ पोर्टल या हेल्पलाइन के जरिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं. यह फीचर आधार से जुड़ी पारदर्शिता को काफी हद तक बढ़ाता है.
यूआइडीएआइ का बड़ा कदम
डिजिटल सेवाओं के बढ़ते इस्तेमाल के साथ आधार डेटा की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई थी. यूआइडीएआइ का यह कदम न केवल यूजर की निजता को मजबूत करता है, बल्कि भरोसे को भी बढ़ाता है. सीमित जानकारी साझा करने की सुविधा से फर्जीवाड़े की आशंका कम होगी और आधार का इस्तेमाल ज्यादा सुरक्षित तरीके से हो सकेगा.
इन नए फीचर्स का लाभ लेने के लिए यूजर को अपने स्मार्टफोन में एम आधार ऐप डाउनलोड करना होगा. मोबाइल नंबर से लॉग-इन करने के बाद आधार जोड़ना होगा और ‘माय आधार’ सेक्शन में जाकर क्यूआर कोड और ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री के विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है. कुछ आसान स्टेप्स में यूजर अपने आधार डेटा को पहले से ज्यादा सुरक्षित बना सकते हैं.
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