बिहार की बदली सियासत पर बोले प्रशांत किशोर, JDU- BJP गठबंधन टूटने की क्या रही वजह

प्रशांत किशोर ने जदयू और राजद के गठबंधन पर कहा की जब तक नीतीश कुमार बिहार के लिए अच्छा काम करेंगे वह किस से समझौता करते है इसका कोई मतलब नहीं. उन्होंने कहा की आज जो गठबंधन बन रहा है उसका बिहार के विकास के लिए एजेंडा क्या है इसको जनता के सामने रखना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2022 3:15 PM

बिहार में एक बार फिर से पाला बदल कर नीतीश कुमार ने नयी सरकार बना ली है. वहीं इससे पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को लेकर कहा की यह 10 सालों में उनका छठा प्रयोग है. इससे उनकी राजनीतिक स्थिति पर प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा की नीतीश कुमार की पार्टी को भी नुकसान हुआ है. 115 विधायकों वाली पाती अब 43 पर आ गई है. यह अलग बात है की वह किसी तरह गठबंधन कर मुख्यमंत्री बन जाते हैं.

दोनों दलों में वैचारिक मतभेद

प्रशांत किशोर ने बिहार की सियासी हालातों को लेकर कहा की राज्य में 2012-13 से ही राजनीतिक अस्थिरता का दौरा बना हुआ है. उन्होंने कहा की नीतीश कुमार 2017 के बाद से भाजपा गठबंधन में खुश नहीं लग रहे थे. नीतीश कुमार की बॉडीलैंग्वेज से ही यह पता लग रहा था की दोनों दलों में वैचारिक मतभेद है.

गठबंधन को अपना एजेंडा जनता के सामने रखना चाहिए 

प्रशांत किशोर ने जदयू और राजद के गठबंधन पर कहा की जब तक नीतीश कुमार बिहार और वहाँ की जनता के लिए अच्छा काम करेंगे वह किस से समझौता करते है किसके साथ सरकार बनाते हैं इसका कोई मतलब नहीं. उन्होंने कहा की आज जो गठबंधन बन रहा है उसका बिहार के विकास के लिए एजेंडा क्या है इसको जनता के सामने रखना चाहिए.

क्या कहा तेजस्वी को लेकर 

प्रशांत किशोर ने तेजस्वी को लेकर कहा की उनकी पार्टी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है. इस गठबंधन को चलाने में उनकी अहम भूमिका होगी. अब यह देखने वाली बात होगी की तेजस्वी अपने 10 लाख नौकरियों के वादे को कब और कैसे पूरा करते हैं. यदि पूरा कर दें तो बहुत अच्छा होगा और राज्य के युवाओं के लिए भी भला हो जाएगा.

10 सालों में नीतीश कुमार का छठा प्रयोग

प्रशांत किशोर ने कहा की 10 सालों में नीतीश कुमार का यह छठा प्रयोग है. इसका उन्हें नुकसान हो रहा हैं उनकी 115 सीटों वाली पाती अब 43 पर आ गई है. यह अलग बात है कि वह किसी तरह से सीएम बन जाते हैं. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार में कोई ग्रोथ नहीं दिख रही है. जनता अब उनके चेहरे पर वोट नहीं कर रही.

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