पटना में प्रदूषण का लोगों की आंखों पर असर, 15 से 20 मरीज रोज पहुंच रहे अस्पताल, ऐसे करें बचाव

डॉक्टरों के मुताबिक प्रदूषित हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण होते हैं. खतरनाक हवा जिस अंग से प्रवेश करती है, उस अंग को नुकसान पहुंचाती है. इसके संपर्क में आने के कारण आंखों से संबंधित तमाम तरह की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2022 2:28 AM

पटना. वायु प्रदूषण व बदले मौसम की वजह से लोगों की आंखों में जलन होने लगी है. डॉक्टरों ने इन दिनों घर के बाहर कम निकलने और आंखों की देखभाल की सलाह दी है. पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच और पटना एम्स समेत अन्य प्राइवेट अस्पतालों के नेत्र रोग विभाग में आने वाले कुल मरीजों में 15 से 20 मरीज वायु प्रदूषण के शिकार होकर उपचार कराने पहुंच रहे हैं. इनमें सर्वाधिक मरीज आंख में पानी गिरना, जलन, सूजन और लाली की दिक्कत बता रहे हैं. इसके अलावा कुछ मरीज आंखों में लाली के साथ आंख में दर्द की समस्या बता रहे हैं. हालांकि समय पर इलाज के बाद इन्हें राहत भी मिल रही है. यहां बता दें कि पटना की हवा शुक्रवार को 400 एक्यूआइ के खतरनाक स्तर के करीब पहुंच गयी थी.

इस वजह से आंखों पर प्रदूषण का पड़ता है असर

डॉक्टरों के मुताबिक प्रदूषित हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और धूल के कण होते हैं. खतरनाक हवा जिस अंग से प्रवेश करती है, उस अंग को नुकसान पहुंचाती है. इसके संपर्क में आने के कारण आंखों से संबंधित तमाम तरह की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.

धूल और धुआं से आंखों को बचाएं

आइजीआइएमएस क्षेत्रीय चक्षु संस्थान (नेत्र रोग विभाग) के अध्यक्ष प्रसिद्ध आइ स्पेशलिस्ट डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि प्रदूषण का असर आम स्वास्थ्य के साथ-साथ आंखों पर भी पड़ता है. ऐसे में इस मौसम में खासकर बच्चे व बुजुर्गों को अधिक ध्यान देने की जरूरत है. मरीज घर से बाहर निकलते समय पूरी सावधानी बरतें, सन ग्लास पहन कर ही बाहर निकलें. आंख को भी ठंड, धुआं, धूल आदि से बचाएं. प्रदूषण के साथ ठंड लगने पर आंखें लाल रहना और आंसू आना आम समस्या है. डॉक्टर से सलाह लेकर आइ ड्रॉप यूज करें, जिससे आंखों की गंदगी बाहर निकले.

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ऐसे करें अपनी आंखों की देखभाल

  • आंखों को बार-बार झपकाएं, इससे आपकी आंखों में नमी रहती है और प्रदूषण के कण आंखों में नहीं जमते

  • कोशिश करें कि अपनी आंखों को सीधे न छुएं और बार-बार हाथ धोते रहें

  • स्मॉग से आंखों में लाली और खुजली होती है, अगर आपको अपनी आंखों में ऐसी परेशानी महसूस होती है तो कॉन्टैक्ट लेंस न पहनना ही बेहतर है

  • जब भी संभव हो घर के अंदर रहें, खासकर सुबह के शुरुआती घंटों में और उन दिनों में जब वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो

  • कार्बन डाइ ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड की उच्च सांद्रता जलन का कारण बनती है. संक्रमण से बचने के लिए अपनी आंखों को बार-बार व आराम से ठंडे पानी से धोएं या केवल निर्धारित आइ ड्रॉप लगाएं. याद रहे, पानी झटके से आंखों के अंदर नहीं डालें.

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