Pitru Paksha 2025: बिहार में आज से पितृपक्ष मेले की शुरूआत, 21 सितंबर तक हर रोज मिलेगी खास व्यवस्था

Pitru Paksha 2025: बिहार के गयाजी में आज से पितृपक्ष मेले की शुरूआत हो जाएगी. यह मेला 21 सितंबर तक चलेगा. इसका उद्घाटन आज शनिवार को शाम चार बजे किया जाएगा. पितृपक्ष मेले में आने वाले लोगों के लिए हर रोज खास व्यवस्थाएं की गई है.

By Preeti Dayal | September 6, 2025 8:35 AM

Pitru Paksha 2025: बिहार के प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले की शुरूआत आज से हो जाएगी. गयाजी में आज से लोगों का जुटान शुरू हो जाएगा. आज से शुरू होने वाला पितृपक्ष मेला 21 सितंबर तक चलेगा. इसका उद्घाटन शनिवार को शाम चार बजे होगा. जिला सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी दिलीप चंद्र देव कुमार ने बताया कि उद्घाटन के साथ ही 21 सितंबर तक रोज देवघाट और सीता कुंड पर फल्गु महाआरती होगी.

हर रोज मिलेंगी खास व्यवस्थाएं

इसके अलावा मेले में आने वाले लोगों के लिए हर रोज खास व्यवस्थाएं मिलेंगी. दरअसल, सात से 21 सितंबर तक विष्णुपद मंदिर प्रांगण में रोज सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन, प्रवचन और भागवत कथा होगी. 2024 में 22 लाख तीर्थयात्रियों ने यहां पितरों के लिए पिंडदान कर मोक्ष की कामना की थी.

उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे ये सभी…

आज उद्घाटन समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह सहित कई सांसद, विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे. इसके अलावा वरीय अधिकारी, पुलिस-प्रशासन के पदाधिकारी और नगर निगम प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे.

हर रोज मिलेगा फ्री भोजन

देश-दुनिया से लाखों लोग यहां अपने पितरों का श्राद्ध और पिंडदान करने पहुंचते हैं. लेकिन इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है. इस बार पटना महावीर मंदिर ने इस जिम्मेदारी को अपने कंधों पर उठाया है. विष्णुपद मंदिर के पास ‘विष्णु रसोई’ नाम से एक विशेष सेवा शिविर शुरू किया गया है, जहां तीर्थयात्रियों को रोजाना दो समय का मुफ्त भोजन मिलेगा.

रसोई का उद्देश्य शुद्ध भोजन उपलब्ध कराना

‘विष्णु रसोई’ की शुरुआत गया के डीएम शशांक शेखर, महावीर मंदिर स्थान न्यास समिति और बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के सदस्य सायण कुणाल ने की. उद्घाटन समारोह में यह स्पष्ट किया गया कि रसोई का उद्देश्य श्रद्धालुओं को शुद्ध भोजन उपलब्ध कराना है, ताकि उन्हें शहर में भटकना न पड़े. मंदिर समिति के अनुसार, यह पहल अयोध्या की ‘राम रसोई’ की तर्ज पर की गई है.

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