Passport online : बिहार में अब पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए नहीं लगाना होगा थाने का चक्कर, इस खास ऐप से होगा अब काम आसान…

पटना: राज्य सरकार ने आम लोगों के लिए पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को बेहद सरल कर दिया है. अब लोगों को थाने का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा और बेहद कम समय में ही यह काम हो सकेगा. सभी थानों को इस काम के लिए एक विशेष टैब और इसमें एक खास तरह का एप अपलोड करके दिया गया है. एम-पासपोर्ट वेरिफिकेशन नामक खासतर तरह के एप का लोकार्पण गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और नये डीजीपी एसके सिंघल ने किया. पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में इस एप को लांच करते हुए अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि राज्य के एक हजार 308 थानों में इस विशेष टैब को मुहैया करा दिया गया है. पुलिसकर्मियों को इसके इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

By Prabhat Khabar | September 24, 2020 6:10 AM

पटना: राज्य सरकार ने आम लोगों के लिए पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को बेहद सरल कर दिया है. अब लोगों को थाने का चक्कर लगाना नहीं पड़ेगा और बेहद कम समय में ही यह काम हो सकेगा. सभी थानों को इस काम के लिए एक विशेष टैब और इसमें एक खास तरह का एप अपलोड करके दिया गया है. एम-पासपोर्ट वेरिफिकेशन नामक खासतर तरह के एप का लोकार्पण गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और नये डीजीपी एसके सिंघल ने किया. पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में इस एप को लांच करते हुए अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि राज्य के एक हजार 308 थानों में इस विशेष टैब को मुहैया करा दिया गया है. पुलिसकर्मियों को इसके इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

सभी थानों को डिजिटल एकीकृत पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट से जोड़ा जा रहा

इस एप के माध्यम से पुलिस पासपोर्ट सत्यापन की पूरी प्रक्रिया संपन्न होगी. इसके माध्यम से आवेदकों की पहचान, नागरिकता और उसके आपराधिक इतिहास का पता लगाया जायेगा. पूरे देश के पुलिस जिलों को डिजिटल करके इसे इस पासपोर्ट एप से जोड़ा जा रहा है ताकि देश में कहीं भी किसी व्यक्ति का आसानी से सत्यापन हो सके. सभी थानों को डिजिटल एकीकृत पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट से जोड़ा जा रहा है. यह विदेश मंत्रालय का प्रोजेक्ट है ताकि पासपोर्ट सत्यापन के काम को पूरे देश में सरल बनाया जा सके और देश में कहीं से भी किसी का सत्यापन हो सके.

सारी प्रक्रिया ऑनलाइन ही की जायेगी

इओयू के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने इसके फायदे बताते हुए कहा कि इस एप के माध्यम से थानों के सत्यापन अधिकारी डिजिटल तरीके से आवेदकों के फोटो और पुलिस सत्यापन रिपोर्ट भेज सकेंगे. इसके जरिये व्यक्तिगत विवरण फॉर्म को डाउनलोड करना तथा प्रिंट करने का कोई झंझट नहीं होगा. सारी प्रक्रिया ऑनलाइन ही की जायेगी. उन्होंने कहा कि 2015 में बिहार पुलिस को पासपोर्ट सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी करने में 69 दिन लगते थे. फिर 2016 में यह घटकर 45 दिन, 2017 में 33 दिन, 2018 में 24 दिन और 2019 में यह 20 दिन हो गया, परंतु अब इस एप की मदद से कुछ दिनों में ही यह संपन्न हो जायेगी.

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पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी बने अतिथि

इस कार्यक्रम में पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय भी कुछ समय तक अतिथि के रूप में मौजूद थे. इसके अलावा एडीजी (सीआइडी) विनय कुमार, एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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