‘गया वो जमाना जब…’, जीतनराम मांझी के सशर्त ब्राह्मण भोज को लेकर पढ़ें सोशल मीडिया पर एक से बढ़कर एक रिएक्शन

जीतन राम मांझी के द्वारा पंडितों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का मामला गरमाया तो मांझी ने अब 27 दिसंबर को पंडितों को भोज पर आमंत्रित किया है. इसके लिए उन्होंने कुछ शर्तें भी रख दी. जिसपर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आ रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2021 12:21 PM

बिहार के भूतपूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी 27 दिसंबर को पटना स्थित अपने सरकारी आवास में भोज करेंगे. मांझी ब्राह्मण-पंडितों को अपने हाथों से भोज कराएंगे लेकिन इसके लिए उन्होंने शर्त भी सामने रखी है. इस भोज को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही है. कोई इस भोज आयोजन की तारीफ तो कोई तंज कसता भी नजर आ रहा है.

जीतन राम मांझी 27 दिसंबर को पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर दोपहर साढ़े 12 बजे भोज का आयोजन करने जा रहे हैं. मांझी ने इस भोज में एक शर्त भी रखी है. उन्होंने इस भोज में वैसे ही ब्राह्मणों-पंडितों को आने को कहा है जिन्होंने कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं किया हो. चोरी-डकैती नहीं की हो. इस शर्त का जिक्र मांझी ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर ट्वीट के जरिये किया और हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने भी इस शर्त का जिक्र किया है.

मांझी ने ब्राह्मणों-पंडितों को सशर्त भोज पर बुलाया तो सोशल मीडिया पर भी अनेकों रिएक्शन सामने आए. कई लोगों ने मांझी को इस दौरान निशाने पर लिया. कुछ लोगों ने लिखा कि अब वो समय गया जब पंडित भोजन के लिए किसी के दरवाजे पर आएं. कुछ लोगों ने लिखा कि एक तरफ शिकायत है कि सभी विभागों के शीर्ष पर ब्राह्मणों का बर्चस्व है तो दूसरी तरफ भोजन कराने का ये आयोजन, दोनों में सच किसे मानते हैं.

Also Read: तेजस्वी यादव के हनीमून में पासपोर्ट का पंगा, पत्नी राजश्री संग नहीं जा सकते विदेश, जानें अदालत का पेंच

ट्वीटर पर मांझी के भोज प्रकरण को लेकर रमाकान्त मिश्र (@ramakantables) लिखते हैं कि- इस भोज में जाने वाले ब्राह्मण सचमुच वही कहलाएंगे जो मांझी ने कहा था. वहीं मांझी के समर्थक उनसे नाराज भी दिखे. हरेंद्र राज (@harendraraj71) ने लिखा कि- ‘ये तो गलत कर रहे हैं. मांझी जी भोज दे कर गलती मत किजिए वरन हम सभी आपके साथ नहीं रहेंगे. नीतेश भारद्वाज (@NiteshBhardwaz3) ने लिखा कि ‘मांझी और उसके भोज का ब्राह्मण पूर्ण रूप से बहिष्कार करें.’

रौशन चौधरी मानस (@RoshanManas01) ने लिखा कि ‘वैसे ब्राह्मण नहीं हैं की गाली गलोज सुनके आपके यहां खाने पहुंच जाए. हमलोग किसी को छोटे बड़े नहीं समझते हैं. हमारे यहां जो हमारे खेत करते हैं उन्हें भी हमलोग बहुत इज्जत देते हैं. आपको निमंत्रण देते हैं सर हमारे घर आईए आप. गोवराॅय,सजौर, भागलपुर बिहार 812006

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version