बिहटा में बनेगा कन्या आवासीय विद्यालय, छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन के लिए अलग से मिलेंगे रुपये

राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग प्लस टू कन्या आवासीय विद्यालय का अपना भवन बिहटा में बनेगा. नये भवन के लिए बिहटा प्रखंड में तीन एकड़ भूमि चिह्नित की गयी है. 13 मार्च को जमीन का सीमांकन होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2023 2:37 AM

पटना. कदमकुआं में निगरानी वाद के अंतर्गत अधिगृहीत मकान में चल रहे राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग प्लस टू कन्या आवासीय विद्यालय का अपना भवन बिहटा में बनेगा. नये भवन के लिए बिहटा प्रखंड में तीन एकड़ भूमि चिह्नित की गयी है. 13 मार्च को जमीन का सीमांकन होगा. भवन बनाने के लिए मिट्टी परीक्षण का काम हो रहा है. नये भवन में छात्रावास, प्रशासनिक भवन, क्लास रूम, पुस्तकालय, लैब आदि की आदर्श व्यवस्था रहेगी.

विद्यालय में हैं 240 छात्राएं 

शनिवार को डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग प्लस टू कन्या आवासीय विद्यालय कदमकुआं का निरीक्षण किया. उन्होंने विद्यालय परिसर, क्लास रूम, शिक्षक कक्ष, स्मार्ट क्लास, कार्यालय कक्ष, शौचालय, स्नानागार, पेयजल, सोने के कमरे आदि की स्थिति देखी. 13 मार्च से विद्यालय का संचालन होगा. विद्यालय में रहनेवाली छात्राओं का शनिवार से आना शुरू हो गया. डीएम ने कक्षा छह की खुशबू कुमारी से व्यवस्थाओं को लेकर जानकारी ली. पीएम यंग अचीवर्स स्कॉलरशिप स्कीम के तहत विद्यालय की 17 छात्राओं ने सफलता प्राप्त की है. विद्यालय में 240 छात्राएं हैं.

छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन के लिए मिलेंगे 300 रुपये

डीएम ने कहा कि प्रत्येक छात्रा को डीबीटी के माध्यम से 10580 रुपये प्रतिवर्ष मिलते हैं. जिला कल्याण पदाधिकारी को पैकेज में सैनिटरी नैपकिन के लिए 300 रुपये वार्षिक शामिल हैं कि नहीं इसका पता लगाने का निर्देश दिया. डीएम ने कहा कि यदि शामिल नहीं होगा, तो सैनिटरी नैपकिन के लिए यहां की छात्राओं को भी 300 रुपये वार्षिक दिये जायेंगे. विद्यालय में पठन-पाठन की अच्छी सुविधा है. सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी से निगरानी, चार सुरक्षा गार्ड हैं. स्मार्ट क्लास व कंप्यूटर शिक्षा की बेहतर सुविधा है.

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छात्राओं के बीच शैक्षणिक व मानसिक विकास के लिए कोडिंग, क्विज, ड्रॉइंग, निबंध प्रतियोगिता के साथ पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण भी कराया जाता है. उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी व सुपरिटेंडेंट को छात्राओं से निरंतर संवाद स्थापित रखने और शैक्षणिक आवश्यकता के अनुरूप आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित रखने की बात कही.

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