Farm bill 2020: कृषि बिल के विरोध में किसान सभा का 25 को बिहार में चक्का जाम, राजद का भी होगा राज्यव्यापी प्रदर्शन…

पटना. किसान सभा के राज्य महासचिव विनोद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि कृषि व्यवस्था का निगमीकरण, मंडी खरीद की समाप्ति, न्यूनतम समर्थन मूल्य का खात्मा, किसानों को बाजार भरोसे छोड़ने के विधेयक के विरोध में 25 सितंबर को बिहार में चक्का जाम और मार्च किया जायेगा. उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों सरकारी संपत्ति को बेच रही है तथा किसानों को पूंजीपतियों के अधीन गुलाम बनाना चाहती है. यह बिल किसान विरोधी बिल है. इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा. किसान सड़क पर उतरेंगे.

By Prabhat Khabar | September 22, 2020 7:42 AM

पटना. किसान सभा के राज्य महासचिव विनोद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि कृषि व्यवस्था का निगमीकरण, मंडी खरीद की समाप्ति, न्यूनतम समर्थन मूल्य का खात्मा, किसानों को बाजार भरोसे छोड़ने के विधेयक के विरोध में 25 सितंबर को बिहार में चक्का जाम और मार्च किया जायेगा. उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों सरकारी संपत्ति को बेच रही है तथा किसानों को पूंजीपतियों के अधीन गुलाम बनाना चाहती है. यह बिल किसान विरोधी बिल है. इसका पुरजोर विरोध किया जायेगा. किसान सड़क पर उतरेंगे.

कृषि बिल के विरोध में राजद का राज्यव्यापी प्रदर्शन 25 को

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने संसद में पारित कृषि बिल को किसान विरोधी बताते हुए कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल इस बिल का विरोध करता है. इसके विरोध में 25 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर राजद प्रदर्शन करेगा.

कृषि बिल के विरोध में 25 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर सुबह 11ः30 बजे प्रदर्शन

बिहार सरकार को किसान और गरीब विरोधी बताते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में 2006 में हीं एपीएमसी बंद कर कर दी गयी थी. जिसका परिणाम यह हुआ कि बिहार सरकार के कुल खाद्यान्न खरीदी के लक्ष्य का एक प्रतिशत की भी खाद्यान्न की खरीद नहीं हो सकी है. यदि एपीएमसी एक्ट में संशोधन से किसानों को लाभ मिलता तो बिहार में किसानों की संपन्नता दिखाई देती. वर्ष 2006 के बाद बिहार के किसानों की स्थिति काफी बदतर हो गयी है. लोग रोजी रोटी के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि पार्टी नेतृत्व के निर्देशानुसार कृषि बिल के विरोध में 25 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर सुबह 11ः30 बजे प्रदर्शन कर इस किसान विरोधी बिल को वापस लेने की मांग करेगा.

Also Read: बिहार में जमीन के दाखिल-खारिज नियम में किया गया यह बदलाव, आपत्ति की समय सीमा भी बदली…
किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ 25 सितंबर को अखिल भारतीय विरोध का भाकपा-माले ने किया समर्थन

भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल ने संसद से जबरन पारित किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ 25 सितंबर को किसान संगठनों के आह्वान पर होने वाले अखिल भारतीय विरोध दिवस का पार्टी ने समर्थन किया है. पार्टी की निचली इकाइयों को निर्देश दिया है कि इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें. उन्होंने कहा कि ये काले कानून छोटे किसानों से खेती छीन लेने वाले हैं. अब देश में ठेका आधारित खेती की शुरुआत करेंगे. किसानों को महंगी लागत वाले सामान खरीदने तथा अपनी अपनी फसल पूर्व निर्धारित दाम पर बेचने के लिए मजबूर कर दिया जायेगा.

Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya

Next Article

Exit mobile version