पटना के शीतला मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, रिमझिम फुहारों के बीच मां जगदंबे की पूजा कर रहे श्रद्धालु

Mahanavmi puja 2022: महानवमी के पावन अवसर पर जगत जननी मां जगदंबे की पूजा-अर्चना करने के लिए राजधानी पटना के अगम कुंआ स्थित माता शीतला मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. माता शीतला की आराधना के लिए भक्त देर रात से ही भक्त कतारबद्ध नजर आए.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 4, 2022 12:14 PM

Mahanavmi puja 2022: महा नवमी पर बिहार के विभिन्न देवी मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों में देर रात से ही भक्तों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई है. महानवमी के पावन अवसर पर जगत जननी मां जगदंबे की पूजा-अर्चना करने के लिए राजधानी पटना के अगम कुंआ स्थित माता शीतला मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. माता शीतला की आराधना के लिए देर रात से ही भक्त कतारबद्ध नजर आए. देवी की पूजा के लिए यहां लगभग तीन किमी से भी लंबी लाइन लग गयी. भक्त रात दो बजे से ही लाइन में लगे नजर आए.

बारिश के बीच भक्तों का उत्साह चरम पर

बता दें कि आज मंगलवार को नवरात्रि की महानवमी है. इसको लेकर पटना के शीतला मंदिर में पूजा को लेकर विशेष इंतजाम किये गये हैं. इन सब के बीच पटना में आज सुबह से ही बारिश हो रही है. बारिश के बीच भी राजधानी में दुर्गा पूजा की उमंग अपने चरम पर है. पूजा पंडाल और मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है. मंदिर परिसर भक्तों से खचाखच भरा हुआ है. श्रद्धालु माता को चुनरी सिंदूर नारियल फल चढ़ा रहे हैं.

पटना के शीतला मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, रिमझिम फुहारों के बीच मां जगदंबे की पूजा कर रहे श्रद्धालु 2

मंदिर में मां के दर्शन को आए भक्त ने कहा कि महानवमी पर मां शीतला का दर्शन करना काफी शुभ माना जाता है. यहां सभी की हर मनोकामना मां शीतला पूरी करती है.

शीतला मंदिर में खास तरीके से होती है मां की पूजा

अगमकुंआ स्थित शीतला मांदिर में नवरात्रि पर माता की विशेष रूप से आराधना की जाती है. महानवमी पर यहां माता शीतला की फूलों से शृंगार की जाती है. शृंगार पूजन के बाद माता को महाभोग अर्पित की जाती है. जिसके बाद विशेष आरती की जाती है. नवरात्रि की महानवमी पर शीतला मंदिर में दूर-दराज से भक्त यहां अपनी मुरादें लेकर आते है. मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से पूजा-पाठ करने वाले भक्त मां के दर से काफी खाली हाथ नहीं लौटते हैं. यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है.

योगिनी रूप में विराजमान है माता शीतला

बता दें कि अशोक कालीन इस मंदिर में माता शीतला का मुख्य द्वार पूरब दिशा की ओर है. मंदिर में शीतला माता की प्रतिमा काफी मनमोहक है. यहां माता दाहिने हाथों में त्रिशूल लिये हुए है. माता यहां योगिनी रूप में विराजती हैं. माता शीतला की प्रतिमा की बायीं ओर यहां अंगार माता की एक प्रतिमा भी है. इस मंदिर में भक्त सालों भर दूर-दूर से आते रहते हैं. मंदिर परिसर में स्थित कुंआ रहस्यमयी है. इस कुंए का पानी कभी नहीं सूखता है, जबकि बाढ़ आने पर भी कुंए के जल में वृद्धि न के बराबर होती है.

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