गोपालगंज: ‘हुजूर पहला अपराध है माफ कर दीजिए’ कोर्ट ने पूर्व मंत्री जनक राम को सुनाई सजा, जानिए क्या है मामला

अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त जनक राम पूर्व में सांसद एवं बिहार सरकार के मंत्री रहे हैं, किंतु इन्होंने चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया तथा इनके कृत्य से चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2023 8:30 PM

गोपालगंज में खनन व भूतत्व विभाग के पूर्व मंत्री जनक राम व तारकेश्वर नाथ शर्मा को आचार संहिता में उल्लंघन के मामले में दोषी पाते हुए 11 सौ रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी गयी है. यह सजा एसीजेएम ए के मानवेंद्र मिश्र के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सुनाई है. इस दौरान पूर्व मंत्री जनक राम ने कोर्ट में कहा कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का यह प्रथम अपराध है. भविष्य में इस तरह के किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे. सदैव विधि द्वारा स्थापित कानून का पालन करेंगे तथा एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे. सहानुभूति पूर्वक, दया पूर्वक विचार करते हुए माफ कर दिया जाये.

आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला

इस मामले में अभियोजन पदाधिकारी आनंद शर्मा ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त जनक राम पूर्व में सांसद एवं बिहार सरकार के मंत्री रहे हैं, किंतु इन्होंने चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया तथा इनके कृत्य से चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ. इन्होंने लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य का जान बूझकर उल्लंघन किया है. इसलिए इन्हें सजा दी जाये.

1100 रुपये का लगा आर्थिक दंड

अभियुक्त जनक राम पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री बिहार सरकार तथा तारकेश्वर नाथ शर्मा ने कोर्ट के सामने अपना दोष स्वीकार किया है. कोर्ट ने आचार संहिता का उल्लंघन , संविधान के अनुच्छेद 14 में विधि के समक्ष समानता व कानून से ऊपर कोई नहीं है. जनक राम एवं तारकेश्वर नाथ शर्मा को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 में 1000 रुपये का अर्थदंड तथा लाउडस्पीकर एक्ट की धारा 9 में 100 रुपये के अर्थदंड की सजा दी गयी है.

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