महंगी बिजली कराह रहा बिहार, फिर भी ग्राहकों को दे रहा सब्सिडी, जानें वन नेशन वन टैरिफ प्लान का क्या होगा असर

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बिजली दर को लेकर हो रही बयानबाजी पर कहा कि बिहार महंगी बिजली खरीद को बाध्य है, लेकिन ग्राहकों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रही है. उन्होंने केंद्र सरकार से पूरे देश में ‘वन नेशन वन टैरिफ’ लागू करने की मांग की.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 30, 2023 5:01 PM

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बिजली दर को लेकर हो रही बयानबाजी पर कहा कि बिहार महंगी बिजली खरीद को बाध्य है, लेकिन ग्राहकों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी उपलब्ध करा रही है. उन्होंने केंद्र सरकार से पूरे देश में ‘वन नेशन वन टैरिफ’ लागू करने की मांग करते हुए कहा कि इसके लागू हो जाने से न केवल बिहार बल्कि अन्य पिछड़े राज्यों को भी सस्ती, गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध बिजली मिल सकेगी. बिजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार अपनी मांग की पूर्ति के लिए भारत सरकार के उपक्रम एनटीपीसी की विद्युत उत्पादन इकाइयोें से बिजली खरीदती है.

इन सभी उत्पादन इकाइयों से उत्पादित बिजली का दर केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग द्वारा तय किया जाता है. नयी उत्पादन इकाइयों में अपेक्षाकृत विद्युत उत्पादन का लागत खर्च अधिक होता है, क्योंकि प्रति यूनिट फिक्सड कॉस्ट की दर पुरानी इकाइयों की तुलना में लगभग 40–50 फीसदी अधिक रहता है. साथ ही, कोयला खदानों से दूर अवस्थित रहने के कारण एनटीपीसी की बिहार स्थित इकाइयों का इंधन लागत भी अपेक्षाकृत अधिक रहता है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि विगत वर्ष कोयले की कमी की वजह से पूरे देश में माह अप्रैल से सितंबर माह तक बिजली की काफी कमी हो गयी थी. इस कारण केंद्र सरकार द्वारा 10 फीसदी आयातित कोयले के इस्तेमाल को बाध्यकारी बनाया गया है. इस कारण भी ईंधन लागत में वृद्धि हुई है. इसके अतिरिक्त पर्यावरण के सुरक्षा के दृष्टिकोण से नाइट्रोजन एवं सल्फर गैसों आदि के उत्सर्जन को कम करने में सभी विद्युत उत्पादन इकाइयों में अत्यधिक पूंजीगत व्यय करना पड़ा, जिसका प्रभाव भी बिजली दरों पर पड़ता है. इन वजहों से बिहार को महंगी बिजली खरीदने की बाध्यता रहती है.

बिजेंद्र प्रसाद यादव बताया कि महंगी बिजली का बोझ विद्युत उपभोक्ताओं पर कम पड़ने के उद्देश्य से बिहार सरकार शहरी एवं ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को क्रमश: प्रति यूनिट 1.83 रुपये एवं 3.55 रुपये तक की सब्सिडी राहत प्रदान कर रही है. राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष उपभोक्ताओं के लिए बिजली सब्सिडी मद में कुल 7801 करोड़ रुपये की राशि का वहन करने का प्रावधान किया गया हैै. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में बिहार के घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर बिजली मुहैया करायी जा रही है. बिहार में जहां घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम दर 6.22 रुपये प्रति यूनिट है. वहीं, पश्चिम बंगाल में 9.22 रुपये प्रति यूनिट, उत्तर प्रदेश में 6.50 रुपये प्रति यूनिट एवं झारखंड में 6.25 रुपये प्रति यूनिट है.

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