Bihar Election 2025: पटना के रण में राजपूत की हिस्सेदारी बढ़ी, कायस्थ की हुई कम
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के तहत पटना जिले में जातिगत हिस्सेदारी की बात करें तो इस बार पिछले वार के मुकाबले राजपूत उम्मीदवारों की संख्या में उछाल आया है, जबकि कुर्मी-कायस्थ को सबसे कम हिस्सेदारी दी गयी है. दोनों गठबंधनों ने जिन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उससे साफ है कि पांच सीटों पर यादव और दो सीटों पर भूमिहार जाति के उम्मीदवार के बीच ही मुकाबला होगा.
मुख्य बातें
Bihar Election 2025: पटना: पटना जिले की 14 विधानसभा सीटों में इस बार भी जातीय समीकरणों का गणित लगभग जस का तस दिख रहा है. चाहे एनडीए जीते या महागठबंधन-विधायक उसी जाति के बनेंगे, जो पिछले चुनावों में बनते रहे हैं. राजनीतिक दलों ने टिकट बांटते वक्त परंपरागत जातीय समीकरणों को ही तरजीह दी है. यही वजह है कि दोनों गठबंधनों ने जिन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उससे साफ है कि पांच सीटों पर यादव और दो सीटों पर भूमिहार जाति के उम्मीदवार ही विधानसभा पहुंचेंगे.
Bihar Chunav: यहां जीतेगा कोई भी, विधायक यादव ही बनेगा
फतुहा, दानापुर, मनेर और पालीगंज में दोनों गठबंधनों ने यादव जाति के प्रत्याशी उतारे हैं. यानी इन सीटों पर जीत किसी की भी हो, विधायक यादव ही बनेगा. वहीं बिक्रम व मोकामा में एनडीए और महागठबंधन दोनों ने भूमिहार को टिकट दिया है. इन दोनों सीटों का नतीजा चाहे जो हो, विधायक भूमिहार ही होगा. इसके अलावा बाढ़ में राजद ने यादव उम्मीदवार को मौका दिया है, जबकि सुरक्षित सीटों-फुलवारी और मसौढ़ी को छोड़कर बाकी अधिकतर जगहों पर जातीय समीकरण जस के तस हैं.
Bihar Election News: राजपूत उम्मीदवारों की संख्या में उछाल
इस बार पटना जिले में यादव और भूमिहार के बाद सबसे ज्यादा सीटें राजपूत जाति को मिली हैं. कुल छह विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न दलों ने राजपूत उम्मीदवार उतारे हैं. बाढ़ से भाजपा के सियाराम सिंह और जनसुराज के महेश सिंह दोनों ही राजपूत हैं. दीघा से जनसुराज के रितेश रंजन उर्फ बिट्टू सिंह और माले की दिव्या गौतम भी राजपूत जाति से हैं. फतुहा से जनसुराज के राजू कुमार और मनेर से संदीप कुमार को मौका मिला है. हालांकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में जिले से सिर्फ एक राजपूत उम्मीदवार (बाढ़ से भाजपा के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू) विजयी हुए थे.
bihar chunav 2025: कुर्मी-कायस्थ को सबसे कम हिस्सेदारी
पटना जिले में राजनीतिक हिस्सेदारी को लेकर अगर अन्य जातियों की बात करें, तो कुर्मी और कायस्थ उम्मीदवारों की हिस्सेदारी सबसे कम रही है. भाजपा ने बांकीपुर से एक बार फिर कायस्थ नेता नितिन नवीन को मैदान में उतारा है, लेकिन कायस्थों की परंपरागत सीट रही कुम्हरार से भाजपा ने इस बार कायस्थ जाति का उम्मीदवार नहीं उतारा है. जनसुराज ने कुम्हरार से जरूर कायस्थ उम्मीदवार केसी सिन्हा और बख्तियारपुर से कुर्मी उम्मीदवार बाल्मिकी सिंह को टिकट दिया है.
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