Bihar Election 2025: महुआ में भिड़े लालू के लाल, तेजप्रताप ने तेजस्वी और एनडीए को मुश्किल में डाला
Bihar Election 2025: वैशाली जिले की महुआ सीट की चर्चा पूरे देश में है. लालू परिवार से अलग होने के बाद बड़े बेटे तेजप्रताप यहां ताल ठोंक रहे हैं. वहीं, एनडीए के चुनावी गणित को जदयू से बागी होकर मैदान में उतरी आसमां परवीन ने बिगाड़ दिया है. वैसी परिस्थिति में हाजीपुर के संवाददाता ने महुआ के लोगों के नब्ज को टटोलने की कोशिश की. पेश है विस्तृत रिपोर्ट-
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Bihar Election 2025: अभिषेक शाश्वत, हाजीपुर. सुबह की धीमी धूप, मौसम हल्की सर्द, पर राजनीतिक पारा हाई पर है. चुनाव का समय जैसे-जैसे पास आ रहा है, वैसे लोगों की गोलबंदी व बतकही आसमान पर है. राजनीतिक तापमान अपने हाइ लेवल पर पहुंच चुका है. जी हां, यह महुआ विधानसभा सीट है, जो हाजीपुर मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर है. हम हाजीपुर से महुआ बाजार के लिए निकले, जैसे ही फुलवरिया पहुंचते हैं वहां चाय की दुकान पर रामस्वरूप राय, सुरेंद्र कुमार, अखिलेश कुमार समेत अन्य लोग बैठे मिले. हमने इनसे पूछा कि इस बार चुनाव में क्या होगा. इस पर रामस्वरूप राय कहते हैं-क्या होगा, लालू जी का बड़ा बेटा तेजप्रताप खड़ा है. इसलिए राजद प्रत्याशी के सामने काफी मुश्किल आयेगी. साथ ही उन्होंने जोड़ा कि यादवों व मुसलमानों का वोट जिस तरफ गिरेगा, वही जीतेगा. इनका इशारा साफ था कि तेजप्रताप वोट काट सकते हैं.
Bihar Election 2025: तेजप्रताप के खिलाफ महुआ में चुनाव प्रचार कर रहे तेजस्वी यादव
फुलवरिया से महुआ बाजार पहुंचे. महुआ के मंगरू चौक पर सुशांत कुमार, रामनगीना राय व सुकुमार राय मिले. वहां तीखी बहस हो रही थी. सुशांत कुमार कह रहे थे कि एक ही परिवार के दो भाइयों की लड़ाई में एनडीए को फायदा हो सकता है. एनडीए को अगड़ों का वोट मिलना तय है. इस पर सुकुमार राय ने कहा कि हमलोग तेजस्वी को देख रहे हैं. यानी मतलब साफ था कि जाति विशेष के वोट में बिखराव नहीं होने की बात कह रहे थे. उससे थोड़ी दूर पर जवाहर चौक है. वहां फल व सब्जी की दुकान चलानेवाले महेंद्र कुमार व सुरेश कुमार ने कहा कि यहां चतुष्कोणीय मुकाबला होना तय है.
जदयू से बागी होकर चुनाव लड़ रही आसमां परवीन NDA की बढ़ा रही मुश्किल
सभी प्रत्याशियों की सांसें अटकी हैं. वहां से थोड़ी दूर गांधी चौक पर अनिल सिंह, भिखारी सिंह, दीपक कुमार मिले. उन्होंने कहा कि यहां महाभारत चल रहा है. भाई के खिलाफ भाई ही चुनाव मैदान में है. एक तरफ लालू परिवार के सबसे बड़े बेटे और पार्टी एवं परिवार से निष्कासित तेजप्रताप यादव हैं, जिन्होंने अपनी खुद की पार्टी बनायी और यहां के उम्म्मीदवार हैं. वहीं महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा एवं लालू यादव के दूसरे बेटे तेजस्वी के सबसे नजदीकी विधायकों में से एक डॉ मुकेश रौशन तेजप्रताप के खिलाफ हैं. एनडीए समर्थित लोजपा आर के प्रत्याशी संजय सिंह को जदयू से बागी होकर चुनाव लड़ रही आसमां परवीन की चुनौती मिल रही है.
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हर दल को भीतरघात की आशंका, बिगड़े सामाजिक समीकरण
2015 में तेजप्रताप महुआ से पहली बार चुनावी रण में उतरे थे. 2020 में महुआ को छोड़ कर तेजप्रताप हसनपुर चले गये. इसके बाद पूर्व एमएलसी और दिवंगत स्व विशुनदेव राय की विरासत को आगे ले जा रहे डॉ मुकेश रौशन को राजद ने प्रत्याशी बनाया, उन्हें जीत भी मिली. लेकिन इस बार परिस्थितियां बदल गयी हैं. खुद के पारिवारिक विवाद के बीच सोशल मीडिया में वायरल हुए तेजप्रताप के कुछ फोटो ने लालू परिवार को मुश्किल में डाल दिया. तेजप्रताप महुआ से किस्मत आजमा रहे हैं.
राजनीतिक समीकरणों के शतरंज पर जातीय गणित उलझी
महुआ से तेजस्वी के नजदीकी विधायक डॉ मुकेश रौशन और तेजप्रताप के आमने-सामने होने के कारण जातीय समीकरण के साथ ही राजनीतिक समीकरण भी बुरी तरह से उलझ गये हैं. वहीं जदयू की बागी नेत्री आसमा परवीन ने भी पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर यहां से चुनावी मैदान में उतर गयी हैं. राजनीतिक समीकरणों के शतरंज पर जातीय गणित यहां महागठबंधन के लिए सबसे मुफीद है. जानकार बताते हैं कि यहां यादव, मुस्लिम और दलित वोट पूरी तरह किसी एक साथ आ जाये, तो उसके लिए महुआ का रण जितना बहुत आसान है.
एनडीए को भी कोर वोटर में बिखराव का भय
पिछले चुनाव में महुआ से एनडीए से जदयू की उम्मीदवार आसमां परवीन थी. इस बार बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में एनडीए की ओर से लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी संजय सिंह की मुश्किल बढ़ गयी हैं. हालांकि, मतदाताओं की खामोशी के कारण प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ गयी है. बीते कई वर्षों से चुनाव लड़ने की तैयारी कर क्षेत्र ने बने रहे जदयू नेता जागेश्वर राय जहां टिकट नहीं मिलने पर चुप्पी साध ली है. इस कारण एनडीए के कोर वोटर में बिखराव की आशंका बनी हुई है. इसके साथ ही कई अन्य प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में खड़े होकर एनडीए प्रत्याशी का मुश्किल बढ़ा रहे हैं. हालांकि जदयू से आसमां परवीन को पिछले सप्ताह निष्कासित कर दिया गया था. इससे एनडीए प्रत्याशी संजय सिंह को थोड़ी सी राहत मिली है.
तेजस्वी ने पार्टी और परिवार के लिए खींची लक्ष्मण रेखा
तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई के सामने अपने सबसे विश्वनीय माने जाने वाले और महुआ के विधायक को चुनावी मैदान में उतारा है. इसी बीच रविवार को आयोजित चुनावी सभा में तेजस्वी ने खुलेआम कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं, पार्टी ही माई-बाप है. कोई आये या जाये. तेजस्वी की ये लाइन सीधे तौर पर तेजप्रताप के लिए मानी जा रही है. ऐसे में देखने वाली बात है कि तेजस्वी की इन बातों का उनके कोर वोटरों पर क्या असर पड़ता है.
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