तेजस्वी को है तारणहार की तलाश, एक मात्र सहारा दिल्ली में दिख रहे हैं ‘राम’

आशुतोष कुमार पांडेय @ पटना ... पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के ऊपर बेनामी संपत्ति का संकट. सीबीआई कीओरसे प्राथमिकी दर्ज करने और छापेमारी के बाद बिहार की राजनीति में मचा सियासी घमसान. इन सबके बीच सवालों के भंवर में उलझ सा गया है, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का शुरू होता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2017 8:24 AM

आशुतोष कुमार पांडेय @ पटना

पटना : बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार के ऊपर बेनामी संपत्ति का संकट. सीबीआई कीओरसे प्राथमिकी दर्ज करने और छापेमारी के बाद बिहार की राजनीति में मचा सियासी घमसान. इन सबके बीच सवालों के भंवर में उलझ सा गया है, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का शुरू होता राजनीतिक कैरियर. सुनने में आ रहा है कि तेजस्वी यादव के प्रति जदयू ने नरम रुख अख्तियार नहीं किया है. तेजस्वी को लेकर जदयू नेताओं के बयानोंमेंतल्खी आज भी जारी है. तेजस्वी भी समझते हैं कि बिहार की राजनीति में अपने पिता लालू यादव की विरासत को सहेजने के लिए कैरियर का आगे बढ़ते रहना जरूरी है. विरोधियों से डंट कर मुकाबला करना और उनके हर आरोपों का जवाब देना जरूरी है. शायद इसी वजह से उन्हें एक अदद तारणहार की तलाश है. राजनीतिक सूत्र कहते हैं कि तेजस्वी के लिए तारणहार का काम करेंगे ‘राम’. जी हां, वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी. वैसे भी संकट के दिनों लालू परिवार को बस इसी नाम का सहारा है.

‘राम’की शरण में पूरा परिवार

लालू यादव भले ही लगातार भाजपा पर ‘राम’के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाते रहे हों, लेकिन अब उनके पुत्र भी ‘राम’ की शरण में पहुंचने वाले हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो तेजस्वी यादव राम जेठमलानी से मिलेंगे और अपनी समस्याओं को उनसे साझा करेंगे. तेजस्वी यादव को यह पता है कि नीतीश कुमार अपने स्टैंड पर कायम रहेंगे. नीतीश राजनीति में नैतिकता के ‘नाक’ की राजनीति करते हैं. वैसे भी, नीतीश पहले ही जदयू नेताओं के साथ बैठक कर यह स्पष्ट कर चुके हैं कि तेजस्वी को जवाब देना ही होगा. तेजस्वी ने हाल में एक बयान दिया कि जदयू और नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा नहीं मांगा है, इसलिए वह इस्तीफा नहीं देंगे. इस्तीफे की मांग मीडिया की उपज है. इस बयान के बाद भी जदयू के प्रवक्ता उग्र रहे और उन्होंने लगातार राजद पर निशाना साधा.

कानूनी जानकारों की शरण में लालू परिवार

लालू यादव लगातार चारा घोटाले में रांची का चक्कर काट रहे हैं. तेजस्वी पर प्राथमिकी दर्ज है. बहन मीसा भारती की संपत्ति पर प्रवर्तन निदेशालय की निगाहें टिकी हुई हैं. चारों ओर से संकट से घिरा परिवार अब एक्टिव हुआ है और लगातार कानूनकेजानकारों की सलाह ले रहा है. राजद के सूत्र बताते हैं कि लालू परिवार लगातार वकीलों के संपर्क में हैं और कानूनी रूप से जवाब देने की ताक में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नेसोमवार शाम साढ़े छह बजे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान दोनों के बीच बिहार के ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि तेजस्वी ने अपनी बात सोनिया गांधी के समक्ष रखी. उधर, सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि इसके ठीक पहले नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकातकर, यह इशारा कर दिया है कि तेजस्वी का कैबिनेट में बने रहना ठीक नहीं है.

नीतीश ने कर दिया है स्पष्ट इशारा

जानकारों की मानें,तो नीतीश कुमार की ओर से स्पष्ट इशारा है कि जितना जल्द हो सके, कानून से क्लीन चिट लेकर तेजस्वी महागठबंधन को जीवन दान दें,वरना सत्ता के लिए सिद्धांत के साथ समझौता नीतीश की राजनीति का वाक्य नहीं है. उल्लेखनीय है कि होटल के बदले भूखंड को लेकर सीबीआइ की प्राथमिकी के मद्देनजर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से जनता के बीच जाकर सफाई देने के मुद्दे पर महागठबंधन में गतिरोध जारी है. इन सबके बीच विपक्षी पार्टी भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि वह इस मुद्दे को लेकर आगामी 28 जुलाई से शुरू होने वाले विधानमंडल सत्र को चलने नहीं देंगे. राजद के उस कथन कि वह उक्त आरोप पर आगामी 27 अगस्त को पटना में प्रस्तावित रैली के दौरान सफाई देगी से, असहमत भाजपा नेता ने सोमवार को कहा कि उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है, इसलिए वे इस तरह की बातें कर रहे हैं. फिलहाल, इस राजनीतिक संकट के उबरने के लिए तेजस्वी ने अपने पिता के पसंदीदा व्यक्ति का सहारा लेने की कोशिश में हैं, यह कोशिश कितनी सफलता के संभावनाओं में बदलती है, देखना दिलचस्प होगा.

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