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एमबीए छात्रा अपहरण कांड: सीआईडी को कोर्ट में मिली सफलता, नार्को टेस्ट के लिए गवाह को जारी हुआ समन

इस कांड के आरोपी सोनू, अर्चना कुमारी और ज्योति कुमारी 17 जनवरी को सीजेएम के समक्ष उपस्थित हुए थे. सीजेएम के समक्ष उपस्थित हुए आरोपितों के अधिवक्ताओं ने न्यायालय में आवेदन देकर तीनों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए नार्को टेस्ट कराने से मना कर दिया था.

मुजफ्फरपुर. सदर थाना क्षेत्र से 14 माह पूर्व गायब हुई एमबीए छात्रा मामले की गवाह उर्वशी उर्फ काजल का नार्को टेस्ट होगा. सीजेएम ने सीआइडी के आवेदन को स्वीकार करते हुए गवाह की सहमति के लिए समन जारी करते हुए 12 फरवरी को कोर्ट मे उपस्थित होने का आदेश दिया है. एमबीए छात्रा अपहरण कांड की जांच सीआइडी कर रही है. इस कांड के आरोपी सोनू, अर्चना कुमारी और ज्योति कुमारी 17 जनवरी को सीजेएम के समक्ष उपस्थित हुए थे. सीजेएम के समक्ष उपस्थित हुए आरोपितों के अधिवक्ताओं ने न्यायालय में आवेदन देकर तीनों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए नार्को टेस्ट कराने से मना कर दिया था.

नार्को टेस्ट कराने से किया था इनकार

इससे पूर्व इस मामले के तीनों आरोपितों ने अपना पक्ष रखा. सीजेएम कोर्ट में पेशी के बाद तीनों आरोपितों के वकीलों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर नार्को कराने से इनकार किया. बाद में सीजेएम कोर्ट से तीनों आरोपितों को अपना बयान देने के लिए मैजिस्ट्रेट के पास भेजा गया. न्यायिक मैजिस्ट्रेट सुमित कुमार ने तीनों आरोपितों का अलग-अलग बयान दर्ज किया और उसे सीलबंद लिफाफे में सीजेएम कोर्ट भेजा. लिफाफा खुलने के बाद स्पष्ट होगा कि आरोपित नार्को कराने को राजी हैं अथवा नहीं.

सीआईडी ने दी थी अर्जी

पिछले दिनों इस मामले की जांच कर रहे सीआईडी के आईओ ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. इसमें जेल में बंद वैशाली जिले के अफजलपुर निवासी सोनू, सदर थाना के मादापुर चौबे निवासी अर्चना कुमारी एवं अहियापुर के भीखनपुर निवासी ज्योती कुमारी का नार्को टेस्ट के लिए सहमति लेना आवशयक बताया. अर्जी पर सुनवाई करते हुए सीजेएम ने आरोपितों को नार्को टेस्ट के मुद्दे पर सम्मन भेजा. जिस पर जेल से सोनू एवं जमानत पर चल रही ज्योती एवं अर्चना अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से न्यायालय में उपस्थित हुईं.

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हाईकोर्ट कर रहा केस की निगरानी

शेखपुरा जिले की छात्रा सदर थाना क्षेत्र में अपने नाना के घर रहकर एक मैनेजमेंट कॉलेज में पढ़ रही थी. 12 दिसंबर 2022 को वह कॉलेज के लिए घर से निकली. इसके बाद भगवानपुर से उसका अपहरण कर लिया गया था. उसके नाना ने सदर थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी. पहले इस केस की जांच सदर थाने की पुलिस कर रही थी. इसके बाद जांच का जिम्मा सीआइडी को सौंप दिया गया. हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई चल रही है.

सोशल मीडिया अकाउंट खंगाल रही सीआईडी

छात्रा के अपहरण की गुत्थी सुलझाने के लिए सीआइडी का फोकस सोशल मीडिया अकाउंट पर है. ये अकाउंट अपहृत छात्रा व आरोपितों के हैं. इसके आधार पर अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने में सीआइडी जुटी है. इसमें छात्रा की ई-मेल भी शामिल है. इस मामले की आरोपित सदर थाने के मादापुर गांव की अर्चना कुमारी की 17 फेसबुक प्रोफाइल की सीआइडी जांच कर रही है.

फेक आइडी से बनाया था अपनी फेसबुक प्रोफाइल

बताया जा रहा है कि अर्चना कुमारी ने एमबीए छात्रा की फेक आइडी से अपनी फेसबुक प्रोफाइल बनाई थी. सीआइडी यह जानने का प्रयास कर रही है कि उसने यह प्रोफाइल क्यों बनाई. क्या उसकी छात्रा से जान-पहचान थी. इस मामले के आरोपित वैशाली के सोनू कुमार से जेल में जाकर सीआइडी पूछताछ कर चुकी है.

सुराग देने वाले को 3 लाख रुपये का ईनाम

सीसी कैमरे में भगवानपुर चौक के निकट के फुटेज, उसके नाना व मां के मोबाइल की सीआइडी जांच कर चुकी है. साथ ही छात्रा का सुराग देने व उसकी बरामदगी कराने वालों के लिए राज्य पुलिस मुख्यालय स्तर से तीन लाख रुपये ईनाम देने की घोषणा कर चुकी है.

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