मॉडल अस्पताल में शिफ्ट नहीं हुआ महिला वार्ड, पुराने भवन में इलाज करा रही महिलाएं

मॉडल अस्पताल में शिफ्ट नहीं हुआ महिला वार्ड, पुराने भवन में इलाज करा रही महिलाएं

By AMIT JHA | August 18, 2025 12:04 AM

मुंगेर. मुंगेर सदर अस्पताल को फरवरी माह में ही 32.5 करोड़ की लागत से बना 100 बेड का मॉडल अस्पताल मिल चुका है. यहां पुरूष वार्ड दो माह पूर्व ही शिफ्ट किया गया है, लेकिन महिला वार्ड अबतक मॉडल अस्पताल में शिफ्ट नहीं हो पाया है. जिसके कारण अबतक सदर अस्पताल में इलाज कराने आने वाली महिलाओं को पुराने और सीलन भरने वार्डों में ही इलाज कराना पड़ रहा है. हद तो यह है कि पुराने वार्ड में महिला मरीजों को रस्सी के सहारे ही स्लाइन या रक्त चढ़ाया जा रहा है.

अबतक पुराने व सीलन भरे वार्ड में इलाज करा रही महिलाएं

बता दें कि 18 बेड वाले महिला वार्ड का संचालन मॉडल अस्पताल आरंभ होने के बाद भी पुराने और सीलन भरने भवन में चल रहा है. जहां गर्मी के दिनों में महिला मरीजों को केवल पुराने पंखों के भरोसे ही रहना पड़ रहा है. इतना ही नहीं महिला वार्ड के खिड़की और दरवाजे तक पुराने और जर्जर हो चुके हैं. जिसके कारण सबसे अधिक परेशानी ठंड के दिनों में होती है. जबकि महिला वार्ड के बरामदे और बाहर पूरे दिन आवारा कुत्तों का जमावाड़ा लगा रहता है. जिससे महिला मरीजों में डर बना रहता है. इतना ही नहीं रात के समय वार्ड में भर्ती महिला मरीजों को खुद के सामानों की चिंता भी बनी रहती है.

रस्सी के सहारे चढ़ रहा मरीजों को स्लाइन

महिला वार्ड का संचालन पुराने वार्ड में होने से अबतक यहां महिला मरीज पुराने और फटे-पुराने बेड पर इलाज करा रही है. हद तो यह है कि यहां मरीजों को स्लाइन या ब्लड चढ़ाने के लिये स्टैंड तक की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण महिला वार्ड में बेड के उपर लगे रस्सी के सहारे की मरीजों को स्लाइन व ब्लड चढ़ाया जा रहा है. ऐसे में स्लाइन चढ़ाने के दौरान महिला मरीजों को शौच जाने के लिये भी पहले परिचारिकाओं को बुलाकर स्लाइन खुलवाना पड़ता है. जिसके बाद ही वे शौच के लिये जा पाती है.

भर्ती होने के लिये भी आना पड़ता है दूर

महिला वार्ड का संचालन अबतक पुराने वार्ड में होने से यहां भर्ती होना भी महिला मरीजों के लिये बड़ी मुसीबत है, क्योंकि ओपीडी व इमरजेंसी वार्ड का संचालन अब मॉडल अस्पताल में हो रहा है. जहां से भर्ती होने के बाद महिला मरीजों को वहां से चलकर महिला वार्ड आना पड़ता है. जबकि यदि महिला चलने की स्थिति में न हो तो उसे परिजनों द्वारा ही स्ट्रेचर पर उठाकर महिला वार्ड लाना पड़ता है, क्योंकि मॉडल अस्पताल से महिला वार्ड की दूरी 100 मीटर से अधिक होने के साथ वहां से महिला वार्ड आने के लिये महिलाओं को दिन हो या रात पहले रोड क्रॉस करना पड़ता है.

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नये वार्ड में सभी व्यवस्था, अबतक मरीजों से दूर

मुंगेर.

100 बेड के मॉडल अस्पताल के दूसरे तल पर महिला वार्ड बनाया गया है. जहां कई प्रकार की सुविधा है. जैसे मॉडल अस्पताल के महिला वार्ड में प्रत्येक बेड पर मरीजों के लिये ऑक्सीजन स्पलाई की व्यवस्था है. जबकि यहां प्रत्येक बेड पर मरीजों को स्लाइन या ब्लड चढ़ाने के लिये मूविंग स्टैंड तक मौजूद है. इसके अतिरिक्त दूसरे तल पर होने के कारण यहां के वार्ड हवादार है. साथ ही यहां नये पंखे भी लगे हैं. जबकि यहां भर्ती होने के लिये मरीजों के उपर आने को लेकर दो-दो लिफ्ट की व्यवस्था है, लेकिन इतनी सुविधा अबतक सदर अस्पताल में इलाज को आने वाली महिला मरीजों को नहीं मिल पा रहा है.

कहते हैं अस्पताल प्रबंधक

सदर अस्पताल प्रबंधक मो. तौसिफ हसनैन ने बताया कि मॉडल अस्पताल में महिला वार्ड के अधिकांश सामान को शिफ्ट कर लिया गया है. हलांकि परिचारिकाओं की कमी के कारण नया रोस्टर तैयार किया जा रहा है. जिसके बाद वार्ड को मॉडल अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जायेगा.

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