आउटसोर्सिंग कर्मियों को हर माह होगा भुगतान, एजेंसी को देना होगा विवरण
मुंगेर विश्वविद्यालय अब आउटसोर्सिंग कर्मियों और एजेंसी के बीच चल रहे मामले को निबटाने के लिये प्रत्येक माह आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय भुगतान का मन बना लिया है.
प्रतिनिधि, मुंगेर. मुंगेर विश्वविद्यालय अब आउटसोर्सिंग कर्मियों और एजेंसी के बीच चल रहे मामले को निबटाने के लिये प्रत्येक माह आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय भुगतान का मन बना लिया है. हालांकि, अब एजेंसी को भी प्रत्येक माह भुगतान का विवरण विश्वविद्यालय को देना होगा. बता दें कि विश्वविद्यालय में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से 70 से कर्मचारी कार्यरत है. इसमें डाटा इंट्री आपरेटर से लेकर सुरक्षाकर्मी तक शामिल हैं. एमयू का अधिकांश कार्य आउटसोर्स कर्मी के भरोसे ही संचालित हो रहा है. बावजूद इन कर्मियों को नियमित रूप से मानदेय नहीं मिल पाता है. इसे लेकर कई बार कर्मी काम भी बंद कर चुके हैं. जबकि 16 दिसंबर 2024 को आउटसोर्स कर्मी सामूहिक हड़ताल पर चले गये थे. इस कारण लगभग एक माह तक एमयू में कामकाज ठप पड़ गया था. इधर आउटसोर्स कर्मियों ने लंबित मानदेय भुगतान को लेकर श्रम संसाधन विभाग में परिवाद भी दायर किया था. ऐसे में श्रम अधीक्षक ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए आउटसोर्स एजेंसी तथा विश्वविद्यालय प्रशासन दोनों को कर्मियों को 31 जनवरी तक कर्मियों के लंबित दो माह के मानदेय भुगतान करने का निर्देश दिया था. श्रम अधीक्षक ने आउटसोर्स एजेंसी को निर्देश दिया था कि वह राज्य सरकार की ओर से तय मानकों तथा कर्मियों की कुशलता के आधार पर उन्हें मानदेय का भुगतान करें. साथ ही कर्मियों के मानदेय भुगतान से संबंधित रसीद व उनका ईपीएफ नंबर भी उपलब्ध करायें, लेकिन आउटसोर्स एजेंसी ने किसी भी कर्मी को न तो मानदेय से संबंधित रसीद दिया है और न ही उनका ईपीएफ नंबर. इतना ही नहीं एजेंसी ने तय तिथि तक वांछित विवरणी श्रम संसाधन विभाग को उपलब्ध नहीं कराया. इधर अब विश्वविद्यालय ने कर्मियों को प्रत्येक माह मानदेय भुगतान करने का मन बना लिया है. कुलसचिव कर्नल विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि आउटसोर्स कर्मियों को हर महीने मानदेय का भुगतान किया जायेगा. इसके लिए एजेंसी को हर माह भुगतान से संबंधित विवरण विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराना होगा.
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