सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में सात माह की गर्भवती की मौत
मुंगेर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शुक्रवार की सुबह एक सात माह की गर्भवती की मौत हो गयी.
परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप, घंटों अस्पताल में किया हंगामा
इमरजेंसी वार्ड पहुंचे सिविल सर्जन ने ली मामले की जानकारी
मुंगेर. मुंगेर सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शुक्रवार की सुबह एक सात माह की गर्भवती की मौत हो गयी. जिसके बाद मृतक के परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड में चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. इस दौरान सूचना पर पहुंचे सिविल सर्जन सह अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रामप्रवेश प्रसाद ने मामले की जानकारी ली. साथ ही परिजनों को जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद परिजन शांत हुए. हालांकि गर्भवती की मौत को लेकर परिजनों ने कोतवाली थाना में भी आवेदन दिया है.
बताया गया कि कासिम बाजार थाना क्षेत्र के मोकबीरा चांयटोला निवासी बिहारी महतो की 25 वर्षीय पत्नी नीतू देवी को उसके परिजन सुबह 7.05 बजे सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लेकर पहुंचे, जो उल्टी और शौच से पीड़ित थी. वह सात माह की गर्भवती भी थी. इस बीच चिकित्सकों द्वारा उसका इलाज किया गया, लेकिन इलाज के दौरान सुबह 8.05 बजे नीतू देवी की मौत हो गयी. इधर नीतू देवी की मौत के बाद परिजनों ने चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. परिजनों ने आरोप लगाया कि नीतू देवी को उल्टी और शौच होने के बाद गुरुवार की रात लगभग 11 बजे से ही सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए लाया गया था, जहां चिकित्सक द्वारा केवल सूईं देकर घर भेज दिया गया. साथ ही कहा गया कि सुबह आकर महिला चिकित्सक से दिखा लें. सुबह जब नीतू की तबीयत अधिक बिगड़ गयी तो उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गयी. परिजनों ने आरोप लगाया कि जब प्रसव केंद्र में रात के समय महिला चिकित्सक थी तो रात को ही नीतू देवी को क्यों नहीं महिला चिकित्सक से दिखाया गया, जबकि वह सात माह की गर्भवती थी. परिजनों ने कहा कि यदि चिकित्सक रात को ही सही समय पर इलाज करते तो नीतू देवी की जान बच सकती थी. इधर हंगामे की सूचना के बीच सिविल सर्जन सह अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रामप्रवेश प्रसाद इमरजेंसी वार्ड पहुंचे और वहां मामले की जानकारी ली. साथ ही परिजनों को शांत कराया. इस बीच परिजनों द्वारा मामले को लेकर थाने में आवेदन भी दिया गया है. इधर परिजनों ने बताया कि नीतू देवी का पति बिहारी महतो दिल्ली में रहकर काम करता है. जबकि घर में सास और ससुर ही हैं. नीतू को पहले से दो बेटियां है.महिला सिवियर ऐनेमिक थी, जो सात माह की गर्भवती थी. सुबह परिजन जब उसे लेकर इमरजेंसी वार्ड आये थे तो वह गैसपीन पर थी. महिला का इलाज किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
डॉ बीएन सिंह, चिकित्सक
कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ रामप्रवेश प्रसाद ने बताया कि मामले की जानकारी ली गयी है. मामले की जांच की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
