Motihari: सरसवां गांव में चौथे दिन जले चूल्हे

पश्चिम बंगाल के वर्धमान में तीर्थ यात्रियों से भरी बस हादसे के बाद से प्रखंड का सरसवां गांव पूरी तरह शोक में डूब गया है.

By SATENDRA PRASAD SAT | August 18, 2025 10:04 PM

Motihari: चिरैया.पश्चिम बंगाल के वर्धमान में तीर्थ यात्रियों से भरी बस हादसे के बाद से प्रखंड का सरसवां गांव पूरी तरह शोक में डूब गया है. शोक और अपनों को खोने की पीड़ा में लोगों ने अन्न – जल छोड़ दिया था. जिसके कारण गांव में चार दिनों से चूल्हे नहीं जले हैं. चारों शवों की अंत्येष्टि के बाद सोमवार को दूध कर्म का रस्म निभाने के बाद ग्रामीणों ने अन्न जल ग्रहण किया है. लेकिन अभी उनका मन काफी बेचैन दिख रहा है. क्योंकि गांव के 31 लोग अभी भी अस्पताल में जीवन की जंग लड़ रहे हैं. घर के चौका घर से लेकर गांव के चौपाल तक बस हादसे की चर्चा हो रही है. घायलों के स्वास्थ्य को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है. परिजनों के चेहरे पर चिंता और भय का मिश्रित भाव झलक रहा है. गांव के 35 लोग 10 अगस्त को बस में सवार होकर तीर्थ यात्रा पर गए थे. जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी ,वहीं लालबेगिया गांव में दो लोगों की मौत हो गयी.घरों के चूल्हे ठंडे पड़े थे. किसी ने तीन दिनों तक खाना तक नहीं बनाया. अब जाकर ठंडे चूल्हों में जान आई है. हादसे के चौथे दिन जब प्रभात खबर की टीम सिकरहना नदी की तलहटी में बसे सरसावा गांव पहुंची तो हर चेहरा ग़मगीन और आंखें नम थी. कई लोग तो बात करते ही फफक कर रो पड़े. कई ने कैमरे पर कुछ बोलने से मना कर दिया, जबकि कुछ महिलाओं ने रुंधे गले से हादसे की दास्तान सुनाई. रूपकांति देवी, जो अपने रिश्तेदार के घर आई है ,ने बताया पूरे गांव में चीख-पुकार मची है. किसी के घर में चूल्हा नहीं जला, कोई कुछ खा नहीं पाया. वहीं, शांति देवी ने बताया कि दिन-रात गांव के लोग एक जगह इकट्ठा होकर अब घायलों की चिंता में डूबे हैं. बुजुर्ग हों या जवान हर आंखें रो रही है. पूरा गांव इस हादसे से टूट गया है. भाजपा विधायक लालबाबू प्रसाद गुप्ता ने अस्पताल अधीक्षक से बातचीत कर घायलों का हालचाल जाना है और समुचित इलाज का अनुरोध किया है.

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