Madhubani News : मधुबनी में मासूम को मिला नया परिवार, दुबई से बच्चा गोद लेने पहुंचे दंपति

जिला प्रशासन द्वारा एक बच्ची के दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गयी. प्रक्रिया पूरी करने के बाद डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने अपने कार्यालय कक्ष में बच्ची को उसके नए परिवार को सौंप दिया

By GAJENDRA KUMAR | May 21, 2025 10:40 PM

मधुबनी.

जिला प्रशासन द्वारा एक बच्ची के दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गयी. प्रक्रिया पूरी करने के बाद डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने अपने कार्यालय कक्ष में बच्ची को उसके नए परिवार को सौंप दिया. इससे पूर्व यूएसए, कनाडा, दुबई के दंपति ने बच्ची को गोद लिया है. अडॉप्शन की प्रक्रिया पूरी होते ही नये माता-पिता के चेहरे खिल उठे और उन्होंने भावविह्वल होकर जिला प्रशासन को धन्यवाद किया. नवजात बच्ची नौ महीने से दत्तक ग्रहण केंद्र मधुबनी में रह रही थी. इस बच्ची को दुबई के एक दंपति ने गोद लिया है. मौके पर प्रशिक्षु सहायक समाहर्ता विरूपक्ष विक्रम सिंह, प्रभारी सहायक निदेशक आशीष प्रकाश अमन एवं भवेश कुमार झा उपस्थित थे.

दुबई के दंपति ने दिया था आवेदन

दुबई के दंपति ने बच्चा गोद लेने के लिए 2021 में कारा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया था. इनका नंबर आने और सारी प्रक्रिया से गुजरने के बाद मंगलवार की शाम को फाइनल अडॉप्शन की प्रक्रिया पूर्ण की गई. बता दें कि समाज कल्याण विभाग अंतर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान मधुबनी के माध्यम से बच्चों के दत्तक ग्रहण की कार्रवाई की जाती है.

बच्चा गोद लेने के लिए ये हैं नियम

कोई भी ऐसा दंपति जिसकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति सुदृढ़ हो बच्चा गोद लेने के लिए पात्र हो सकता है. यदि उन्होंने कम से कम दो वर्ष का स्थिर वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो और दत्तक ग्रहण के लिए दोनों की आपसी सहमति जरूरी है. अलग-अलग उम्र वाले दंपति को अलग-अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है. बच्चा गोद लेने के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के वेबसाइट carings.wcd.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करना होता है. जांच के बाद बच्चा गोद लेने के पात्र माता-पिता को बच्चा गोद दिया जाता है.

एकल महिला-पुरुष भी ले सकते हैं गोद

एकल पुरुष अभिभावक को केवल लड़का गोद दिया जा सकता है. जबकि एकल महिला अभिभावक को लड़का और लड़की दोनों को गोद दिया जा सकता है. दो संतान वाले दंपति सामान्य बालक के दत्तक ग्रहण के लिए पात्र नहीं है. वह सिर्फ विशेष आवश्यकता वाले बालक को ही दत्तक ग्रहण कर सकते हैं. देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनी अपराध है.

विदेश जाने वाली चौथी बच्ची

मधुबनी से विदेश पहुंचने वाली यह चौथी बच्ची है. जिसे विदेश के दंपति को गोद दिया गया है. इस दंपति की मानवता और प्यार की लोगों ने सराहना की है. और यह घटना यह साबित करती है कि अगर किसी को सही मदद मिले, तो वह मुश्किल से मुश्किल हालात से बाहर निकल सकता है और नयी जिंदगी की शुरुआत कर सकता है. यह कहानी एक प्रेरणा है, जो हमें यह सिखाती है कि दुनिया में अभी भी अच्छे लोग हैं, जो दूसरों की मदद के लिए आगे आते हैं और मानवता की मिसाल पेश करते हैं.

दत्तक ग्रहण केंद्र में होता है बच्चों का भरपूर पालन पोषणजिला बाल संरक्षण इकाई के प्रभारी सहायक निदेशक आशीष प्रकाश अमन ने कहा कि संस्थान में अनाथ बच्चों को पूरी सुरक्षा और सुविधाओं के बीच रखकर उनका भरपूर पालन पोषण किया जाता है.

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