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नगर परिषद क्षेत्र में बिना नक्शा व परमिशन के बन रहे मकान, परिषद को लाखाें रुपये का नुकसान

उदाकिशुनगंज नगर परिषद क्षेत्र में नियम-कायदों को ताक पर रखकर दर्जनों आवासीय व व्यावसायिक भवन निर्माण कार्य बिना परमिशन व नक्शा स्वीकृत कराये धड़ल्ले से हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 16, 2025 6:09 PM
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प्रतिनिधि,

उदाकिशुनगंज (मधेपुरा).

उदाकिशुनगंज नगर परिषद क्षेत्र में नियम-कायदों को ताक पर रखकर दर्जनों आवासीय व व्यावसायिक भवन निर्माण कार्य बिना परमिशन व नक्शा स्वीकृत कराये धड़ल्ले से हो रहा है. इससे जहां एक तरफ नगर परिषद प्रशासन को हर साल लाखों रुपये के राजस्व का घाटा उठाना पड रहा है. वहीं नगर परिषद क्षेत्र में मकान बनाने के लिए नगर परिषद का आदेश जरूरी है़. भवन बनाने के लिए नक्शा पास होना चाहिए, लेकिन इस शहर में बिना किसी आदेश के धड़ल्ले से मकान बनाये जा रहे हैं. बिना किसी मापदंड के भवनों का निर्माण कराया जा रहा है. हैरत की बात है कि नप प्रशासन को इसकी सूचना तक नहीं है. दरअसल, बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 ने बिना नक्शा पास कराये मकानों के निर्माण पर अंकुश लगाने व उन्हें अवैध घोषित करने का अधिकार नप को दे रखा है, यह अलग बात है कि नप को इससे कोई सरोकार नहीं है. नप क्षेत्र में 70 प्रतिशत भवन बिना अनुमति के बनाए जा रहे हैं. लोग नप से नक्शा पास कराना ही जरूरी नहीं समझते हैं. जबकि नप क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्यों की निगरानी की जिम्मेदारी नगर परिषद के इंजीनियरों की है, लेकिन इंजीनियर इस दिशा में सक्रिय रवैया नहीं अपनाते हैं. इस वजह से हर साल नप को लाखों रुपये के राजस्व का घाटा उठाना पडता है. वहीं भवन निर्माण करा रहे लोगों का कहना है कि नगर परिषद से मकान की परमिशन आसानी से नहीं मिलती है. आवेदकों को अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय के कई चक्कर कटवाते हैं. इसी झंझट के चलते लोग भवन बनाने से पहले अनुमति लेने से बचते हैं. यह भी शिकायत है कि बिना परमिशन भवन निर्माण के मामलों में कार्रवाई के नाम पर संबंधित कर्मचारी सुविधा शुल्क लेकर खामोश हो जाते हैं.खुद का मकान हर व्यक्ति का होता है सपनामकान बनाने से पहले काफी तैयारी करता है. वह प्राइवेट इंजीनियर से नक्शा भी बनवाता है. नियमानुसार नक्शे को नगर परिषद से स्वीकृत कराना अनिवार्य होता है. लेकिन पैसे बचाने के लालच में लोग बनवाए गये नक्शे को पास नहीं करवाते हैं. बिना परमिशन मनमर्जी से भवन निर्माण कराते हैं. जो लोग नक्शा पास करवाते हैं तो नक्शे के अनुसार काम नहीं करवाते हैं. स्वीकृत नक्शे के बजाय निर्माण का दायरा बढ़ाकर सड़क व आसपास की खाली जमीन पर भी मकान खड़े किए जा रहे हैं. ऐसे में नक्शा पास कराना और नहीं कराना बराबर हो जाता है.भवन के हिसाब से चयनित होती हैं योजनाएं

नक्शा पास कराने से यह पता चलता है कि नगर परिषद क्षेत्र में कितने मकान किस इलाके में बने है. इसी आधार पर विकास की योजनाएं ली जाती है. लोगों को शहर में भवन निर्माण कराने के पूर्व उसका नक्शा नगर परिषद से पास कराना चाहिए. इससे शहर के लोगों को काफी लाभ मिलता है.नगर परिषद में बिना नक्शा पास करवाये किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं होगा

नगर परिषद क्षेत्र में बिना नक्शा पास कराये मकान बनाने वालों पर नगर परिषद की गाज गिर सकती है. नगर परिषद की सीमा में बिना नक्शा पास करवाए किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं होगा. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ प्राथमिक स्तर पर ही कार्रवाई की जायेगी, ताकि संबंधित व्यक्ति नियमानुसार बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति लेकर ही निर्माण कराए. बताया जाता है कि सरकार द्वारा बिल्डिंग प्लान की स्वीकृति के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गयी है. आर्किटेक्ट के माध्यम से नक्शा तैयार कराकर अप्रूवल लेना जरूरी कर दिया गया है. नगर परिषद शहर में सर्वे कराकर वैसे लोगों की सूची बनवाएगी, जो बिना नक्शा पास कराए मकान बनवा लिए हैं या निर्माण करा रहे हैं. ऐसे लोगों को नगर परिषद प्रशासन द्वारा नोटिस भेजी जायेगी. अनाधिकृत निर्माणों को प्राथमिक स्तर पर ही रोका जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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