समाज को मानसिक रूप से बीमार बना रहा नशा

समाज को मानसिक रूप से बीमार बना रहा नशा

By Kumar Ashish | March 18, 2025 6:54 PM

कुमारखंड. नशा एक अभिशाप है, यह एक ऐसी बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले खत्म हो जाता है. इसके बावजूद नशे के लिए समाज में शराब, गांजा, भांग, अफीम, जर्दा,गुटखा, तंबाकू व धूमपान, चरस, स्मैक, ब्राउन शूगर जैसे घातक मादक दवाओं व पदार्थों का उपयोग किया जा रहा है. इन पदार्थों के सेवन से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि पहुंचने के साथ सामाजिक वातावरण भी प्रदूषित होता है. साथ ही स्वयं व परिवार की सामाजिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचता है. वह नशे से अपराध की ओर अग्रसर हो जाता है. नशा अब समाज की विकराल समस्या बन गयी है. बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग व विशेषकर युवा वर्ग प्रभावित हो रहा है. इस अभिशाप से समय रहते मुक्ति पाने में ही मानव समाज की भलाई है. उपरोक्त बातें राजद कार्यकर्ताओं के द्वारा एनपी इंटर कॉलेज नेती नगर कुमारखंड में मंगलवार को आयोजित सम्मलेन के दौरान कही. इसमें समाज के विभिन्न वर्गों के प्रबुद्ध नागरिक एवं कार्यकर्ता के बीच मादक पदार्थों के बढ़ते प्रचलन को लेकर खेद प्रकट किया गया. मौके पर चर्चा में बात सामने आयी कि पहले संयुक्त परिवार में संस्कार मिलते थे. बच्चों की सही परवरिश होती थी. परिवार के सभी सदस्यों की नजर रहती थी अब एकल परिवार से समस्या बढ़ी है. मौजूदा दौर में बच्चे टेलीविजन,कंप्यूटर व मोबाइल में खोकर रह गये हैं. मानसिक दबाव के चलते बच्चों का झुकाव नशे की ओर बढ़ता जा रहा है. बच्चों के अकेलेपन व मानसिक दबाव को कम करने के लिए उन्हें खेल गतिविधियों में शामिल करना होगा. इसके लिए हर वर्ग को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. आजकल अकसर ये देखा जा रहा है कि युवा वर्ग नशीले पदार्थों की गर्त में दिनोंदिन फंसता जा रहा है. दुर्भाग्य है कि आजकल नौजवान शराब व धूमपान को फैशन व शौक के चक्कर में अपना लेते हैं. इन सभी मादक पदार्थो के सेवन का प्रचलन किसी भी स्थिति में सभ्य समाज के लिए वर्जनीय होना चाहिये. सामाजिक संस्थाओं को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए हर वर्ग को पहल करनी होगी. तभी युवा पीढ़ी को नशे के गर्त में जाने से बचाया जा सकता है. समाज में पनप रहे विभिन्न प्रकार के अपराधों का एक कारण नशा भी है. नशे की प्रवृत्ति में वृद्धि के साथ अपराधियों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है. नशा किसी भी प्रकार का हो उससे शरीर को भारी नुकसान होता है. सामाजिक तौर पर सोच बदलनी होगी. घर से जागरूकता की शुरुआत करनी होगी. बच्चे पढ़ाई के नाम पर अभिभावकों से पैसा लेकर मादक पदार्थ खरीद रहे हैं. लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझ कर जानकारी देनी होगी, तभी असामाजिक तत्वों पर लगाम संभव है. मौके पर प्रखंड राजद अध्यक्ष अरुण कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष प्रो वेदप्रकाश,पैक्स अध्यक्ष अशोक कुमार, वीरेंद्र कुमार, ललन कुमार यादव, अशोक कुमार, आसिफ, चंद्रकिशोर राम, चंद्रकिशोर रजक, धीरेन्द्र कुमार, राजीव कुमार, मो रब्बान, चंदर यादव, मो मुर्तुजा, मो नौशेर आलम, सौरभ कुमार, शैलेंद्र यादव, दीपक कुमार दिनकर, परमेश्वरी यादव, अरविंद यादव आदि मौजूद थे.

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