सीपीआइ नेता के रिहा होने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने दी बधाई पुलिस प्रशासन के कार्यों को सराहा

लखीसराय : जिले के पीरीबाजार थाना क्षेत्र के घोघी गांव से विगत छह दिसंबर की संध्या में नक्सलियों के द्वारा अपहरण किये गये सीपीआई नेता मदनमोहन सिंह के बुधवार की रात्रि सकुशल लौट आने पर सीपीआई नेताओं ने हर्ष व्यक्त करते हुए इसके लिए पुलिस प्रशासन को बधाई दी है. इस संबंध में भाकपा के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2019 8:23 AM

लखीसराय : जिले के पीरीबाजार थाना क्षेत्र के घोघी गांव से विगत छह दिसंबर की संध्या में नक्सलियों के द्वारा अपहरण किये गये सीपीआई नेता मदनमोहन सिंह के बुधवार की रात्रि सकुशल लौट आने पर सीपीआई नेताओं ने हर्ष व्यक्त करते हुए इसके लिए पुलिस प्रशासन को बधाई दी है.

इस संबंध में भाकपा के कार्यालय मंत्री कॉ. अरूण कुमार सिंह ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जैसे ही कॉ मदन सिंह के अपहरण की सूचना मिली तो पार्टी जिला सचिव कॉ जितेंद्र कुमार, एटक नेता कॉ जनार्दन सिंह, खेमयू अंचल मंत्री कॉ कैलाश, कॉ बच्चू राम, लोसघानी निवासी व समाजसेवी सच्चिदाजी, टुनटुनजी सहित आस-पास के ग्रामीण बड़ी संख्या में मदन जी के घर पहुंचे.
जहां बताया गया कि छह दिसंबर की रात साढ़े सात बजे कॉ मदन सिंह जब घर में टीवी देख रहे थे तो नक्सलियों ने घर से बुलाकर हथियार के बल पर उनका अपहरण कर लिया था. जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा दस दिसंबर को घोसैठ दुर्गास्थान के प्रांगण में कॉ मदन सिंह को जल्द रिहाई कराने की मांग को लेकर एक दिवसीय सर्वदलीय धरना दिया गया.
जिसमें पार्टी के पूर्व राज्य सचिव व पूर्व विधायक दल नेता कॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह, जिला सचिव कॉ जितेंद्र कुमार सहित पार्टी एवं विभिन्न दलों के नेताओं और आम लोग शामिल थे. वहीं घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने रेल जाम कर दिया तथा यातायात भी अवरुद्ध किया, साथ ही दुकानदारों ने दुकानें बंद कर दी थी.
बढ़ते जनाक्रोश और पुलिस की दबाव के कारण आखिरकार बुधवार की देर रात कॉ मदन को सकुशल मुक्त करना पड़ा. उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी पुलिस प्रशासन और खास कर डीआइजी मनु महाराज तथा लखीसराय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार एवं आमलोगों के प्रति भी आभार व्यक्त करती है. जिन्होंने इस घटना के खिलाफ अपनी भूमिका निभायी.
साथ ही इस बात पर चिन्ता और दुख भी व्यक्त करती है कि कमजोर वर्गों की लड़ाई लड़ने वाले प्रतिभा संपन्न एक नेता का अपहरण की घटना पर कोई कथित जन-प्रतिनिधियों ने पीड़ित परिवार से मिलने की औपचारिकता तक नहीं निभायी. जबकि यहां से विधायक, राज्य सरकार में मंत्री और संसद भी हैं.

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