जनसंख्या नियंत्रण से ही होगा सशक्त और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण: इंद्रदेव

17 से 29 मार्च तक "परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा " का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन मेले का आयोजन किया गया.

By AWADHESH KUMAR | March 19, 2025 8:25 PM

परिवार नियोजन विकसित भारत की अनिवार्य आवश्यकता

किशनगंज.भारत दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन चुका है, और बढ़ती जनसंख्या हमारे सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय संसाधनों पर गंभीर प्रभाव डाल रही है. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल एवं खाद्य सुरक्षा जैसे बुनियादी संसाधनों पर अत्यधिक दबाव के कारण गरीबी, बेरोजगारी और जीवन स्तर में गिरावट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. यदि हमें एक विकसित, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत बनाना है, तो हमें जनसंख्या स्थिरीकरण और परिवार नियोजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि मातृ और शिशु मृत्यु दर में वृद्धि का भी कारण बनती है. परिवार नियोजन न केवल महिला सशक्तिकरण और स्वस्थ मातृत्व के लिए आवश्यक है, बल्कि इससे संतुलित विकास और सामाजिक समृद्धि भी सुनिश्चित होती है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, 17 से 29 मार्च तक “परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा ” का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन मेले का आयोजन किया गया.

इसी क्रम में जिले के सदर अस्पताल में परिवार नियोजन मेले का उद्घाटन नगर परिषद् किशनगंज के अध्यक्ष इन्द्रदेव पासवान एवं सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने संयुक्त रूप से किया. इस दौरान मीडिया ब्रीफिंग का भी आयोजन किया गया, जिसमें सिविल सर्जन ने अभियान की रूपरेखा और महत्व को विस्तार से समझाया. इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम, डीएस डॉ अनवर हुसैन, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी, डीपीएम, डीपीसी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, पीएसआई एवं सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि, और स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे.

परिवार नियोजन केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि आमजन को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी

नगर परिषद अध्यक्ष इन्द्रदेव पासवान ने जनसंख्या वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून की सख्त जरूरत है. जब तक इस पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक संसाधनों का असंतुलन और गरीबी जैसी समस्याएँ बनी रहेंगी. ” उन्होंने आम जनता से इस कानून की मांग करने की अपील की और कहा कि “परिवार नियोजन केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि आमजन को भी इसमें सक्रिय भूमिका निभानी होगी. जब तक हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगा, तब तक विकसित भारत का सपना अधूरा रहेगा. उन्होंने यह भी कहा कि “नगर परिषद स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्यक्रमों को सफल बनाने में हमेशा तत्पर रहती है. हमारे सहयोग से ही समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है.

शिक्षा और जागरूकता की कमी है मुख्य कारण

सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने कहा कि अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि का सबसे बड़ा कारण शिक्षा और परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता की कमी है. विशेष रूप से महिलाओं और परिवारों में इस विषय पर सही जानकारी का अभाव है, जिससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन केवल नसबंदी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई अस्थायी और स्थायी साधन उपलब्ध हैं, जिन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है. इस पखवाड़े के दौरान सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेष परामर्श और जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक दंपति इन सेवाओं का लाभ उठा सकें.

दो बच्चों के बीच सही अंतर आवश्यक: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने कहा कि परिवार नियोजन का मतलब केवल बच्चे पैदा करने की संख्या को सीमित करना नहीं है, बल्कि उनके जन्म के बीच उचित अंतर रखना भी है.उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पुरुषों और महिलाओं दोनों को परिवार नियोजन संबंधी परामर्श एवं साधन निःशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने सभी दंपतियों से अपील की कि वे इन सेवाओं का लाभ उठाएं और एक स्वस्थ एवं खुशहाल परिवार की नींव रखें. डीपीसी विश्वजीत कुमार ने बताया कि यह अभियान 29 मार्च तक जारी रहेगा. इस दौरान विभिन्न स्थानों पर नसबंदी शिविरों का आयोजन किया जाएगा, साथ ही दंपती संपर्क पखवाड़े के तहत घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों की विशेष भूमिका होगी. मेले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थायी और अस्थायी परिवार नियोजन साधनों की जानकारी दी गई. मौके पर ही निःशुल्क गर्भनिरोधक साधनों का वितरण किया गया. इसके अलावा विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग सत्र आयोजित किए गए, जिनमें उपस्थित लोगों को नियोजन बॉक्स और अन्य संसाधनों के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया गया.

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