अनुमंडलीय अस्पताल गोगरी के दंत रोग विभाग में दांत लगाने की नहीं है सुविधा
अनुमंडलीय अस्पताल गोगरी के दंत रोग विभाग में दांत लगाने की नहीं है सुविधा
स्थापना काल से अबतक अस्पताल प्रशासन का इस ओर नहीं दिया गया ध्यान
उपकरणों की कमी के कारण चिकित्सकीय सलाह व प्रारंभिक इलाज तक ही सीमित है कामदांत लगाने के लिए लोगों को लेनी पड़ रही निजी क्लीनिकों की सेवा
एक दांत लगाने में लिया जाता 1500 से 2000 रुपयेगोगरी. अनुमंडलीय अस्पताल गोगरी के दंत रोग विभाग में मरीजों को दांत लगाने की सुविधा नहीं है. इलाज के लिए आने वाले मरीजों को जांच और सामान्य उपचार तो मिल जाता है़ लेकिन जब बात कृत्रिम दांत लगाने की आती है, तो उन्हें निजी क्लीनिकों का रुख करना पड़ता है. निजी क्लीनिकों में दांत लगाने का पैसा गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर मरीज उठाने की स्थिति में नहीं होते. वहां पर एक दांत लगाने का शुल्क 1500 से 2000 रुपये तक वसूल कर लिया जाता है.
आम मरीजों की पहुंच से बाहर है दांत लगाना
मरीजों का कहना है कि वे अनुमंडलीय अस्पताल में सस्ते दर पर चिकित्सा व दांत लगाने की उम्मीद लेकर आते हैं. लेकिन यहां सुविधा नहीं मिलने से निजी क्लीनिकों में जाना पड़ता है. निजी दंत चिकित्सालयों में एक दांत लगाने का शुल्क 1500 से 2000 रुपये तक लिया जा रहा है. जो आम मरीजों की पहुंच से बाहर है. मरीजअरुण कुमार ने बताया कि उनके तीन दांत टूट गए हैं. अनुमंडलीय अस्पताल गोगरी में इलाज कराने पहुंचे थे़ लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि यहां दांत लगाने की सुविधा नहीं है. मजबूरन उन्हें निजी क्लीनिक में जाना पड़ा. वहां दांत लगाने के लिए पांच हजार रुपये की मांगी गयी है. गोगरी के मनोज मंडल ने बताया कि इतने बड़े अस्पताल में दांत लगाने की सुविधा नहीं है, यह विश्वास ही नहीं होता है. चिकित्सक ने बताया कि निजी क्लीनिक में दांत लगाना होगा. निराश होकर जा रहे हैं. कहा कि अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासन को चाहिये कि दांत लगाने की सुविधा अस्पताल में दे, ताकि आमजन को सुलभ और सस्ता इलाज मिल सके.
सुविधा उपलब्ध नहीं करा रहा अस्पताल प्रशासन
विभागीय कर्मियों का कहना है कि कृत्रिम दांत लगाने के लिए आवश्यक उपकरण और सामग्री की कमी है. कई बार उच्चाधिकारियों से इस संबंध में पत्राचार किया गया है,लेकिन अभी तक आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं कराये जा सके हैं. बताया गया कि विभाग में रोजाना दर्जनों मरीज आते हैं. जिनमें कई ऐसे होते हैं, जिन्हें दांत लगवाने की जरूरत होती है. वर्तमान स्थिति में विभाग केवल सलाह और प्रारंभिक इलाज तक ही सीमित है.
कहते हैं चिकित्सक
मरीजों को दांत लगाने की व्यवस्था के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. इसे लेकर वरीय अधिकारियों से भी कई बार संपर्क किया गया है. आश्वासन मिला है कि जल्द सकारात्मक परिणाम सामने आयेंगे.
डॉ प्रहलाद कुमार सिंह, दंत रोग चिकित्सक, अनुमंडलीय अस्पताल.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
