बादलों के उठापटक करने से उमस और गर्मी कर रहा लोगों को बीमार
मई महीने में बादलों के उठापटक और बारिश होने के बाद भी उमस और गर्मी का सीधा असर अब लोगों के शरीर पर पड़ने लगा है. इधर, गर्मी बढ़ते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है
भभुआ सदर…मई महीने में बादलों के उठापटक और बारिश होने के बाद भी उमस और गर्मी का सीधा असर अब लोगों के शरीर पर पड़ने लगा है. इधर, गर्मी बढ़ते ही अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है. अस्पताल में चाहे दवा वितरण काउंटर हो या फिर डाॅक्टर का कक्ष, सभी जगह भीड़ बढ़ने से मरीजों को इलाज कराने में परेशानी उठानी पड़ रही है. बढ़ती गर्मी से सदर अस्पताल में ज्यादातर मरीज उल्टी-दस्त और पेट दर्द के पहुंच रहे हैं. सोमवार को अस्पताल में ऐसे 18 मरीज पहुंचे थे, जिन्हें उल्टी-दस्त व पेट दर्द की शिकायत थी. इसमें से 15 को दवाई देने के बाद घर भेज दिया गया, जबकि तीन को हालत खराब होने के चलते अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. इसके पिछले सप्ताह भी अस्पताल में गर्मी के कारण बीमारी हुए करीब दो दर्जन मरीज अस्पताल पहुंचे थे. आंकड़ों पर गौर करें तो सदर अस्पताल में पिछले 20 दिन में लगातार पेट दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. सदर अस्पताल के फिजिशियन डॉ अभिलाष चंद्रा ने बताया कि गर्मी में बुजुर्ग व बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है. बच्चे दूषित पानी या फिर अन्य चीज खा लेते हैं. इसलिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए. गर्मी से बचाव के लिए बच्चे का ख्याल रखना चाहिए और जैसे ही उल्टी, सिरदर्द आदि के लक्षण दिखे, तुरंत डॉक्टर की सलाह की लेनी चाहिए. = उमस व धूप से फैल रहा है संक्रमण दरअसल, इस समय बादलों के बीच निकलने वाली असहनीय धूप और गर्मी के मौसम में संक्रमण तेजी से फैलता है और बैक्टीरिया आदि जीवाणु व रोगाणु के पनपने की क्षमता भी अधिक हो जाती है. इसका मुख्य कारण है वातावरण व जलवायु में बदलाव. शरद गरम के चलते भी सर्दी-जुकाम व वायरल जैसे रोग आसानी से शरीर को घेर लेते हैं. उतार-चढ़ाव भरे मौसम में हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी क्षीण हो जाती है. मौसम में ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स व एसी की आदतों को नहीं छोड़ पाते, जिससे सर्दी-जुकाम या बुखार की गिरफ्त में आ जाते हैं. = ये आदतें हो सकती हैं नुकसानदेह डॉ अभिलाष चंद्रा के अनुसार अक्सर देखने में आता है कि हम धूप और गर्मी से पसीने में लथपथ आते हैं और एसी, कूलर या पंखे के सामने बैठ जाते हैं या बाहर से आकर झट से फ्रिज का ठंडा पानी पी लेते हैं, इससे सर्द-गर्म होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसा करने से बचना चाहिए. साफ सफाई का भी ध्यान रखें, किसी भी तरह के संक्रमण से बचने के लिए हाथों को साबुन से धोएं. आपकी साफ-सफाई संक्रमण को रोकने में काफी मददगार साबित होगी. मौसम में बदलाव आने पर रात को सोते वक्त नमक युक्त गुनगुने पानी से गरारे और भाप लेने की आदत डालें. किसी भी तरह की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. तला भुना खाने से बचें व इस मौसम में बाहर का बासी, तला-भुना, मिर्च-मसालेवाला कुछ भी खाने से परहेज करें. खूब पानी पीएं और घर का बना हल्का भोजन ही लें. हमेशा साफ व उबला हुआ पानी ही पीएं. = मौसम की चाल समझ से परे इधर, पिछले दो साल की भांति इस बार भी मौसम की चाल समझ से परे है. कभी तेज धूप हो जाती है, तो कभी आसमान पर बादल घिर आते है और तेज हवा के साथ बारिश होने लग रही है. लेकिन, इन सब के बीच उमस और गर्मी ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया हैं. कुछ ऐसा ही हाल शहर के निजी व प्राइवेट अस्पतालों का भी है, जहां मुंह अंधेरे से ही मरीजों की संख्या नंबर लगाने के लिए जुटने लग रही है. इसलिए ऐसे में मौसम में सतर्कता बरतनी चाहिए. सदर अस्पताल प्रबंधक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि गर्मी से अस्पताल में मरीजों की संख्या काफी बढ़ी है. खासकर, पेट दर्द, सर्दी खांसी डायरिया, बुखार आदि के मरीज बढ़े हैं. इसके लिए अस्पताल में मरीजों के लिए फ्लूड से लेकर हर दवा की व्यवस्था की गयी हैं. = सदर अस्पताल में बढ़े डायरिया, सर्दी-खांसी व वायरल बुखार के मरीज बढ़ती गर्मी से सदर अस्पताल में ज्यादातर मरीज उल्टी-दस्त व पेट दर्द के पहुंच रहे
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