गर्मी बढ़ते ही शुरू हुआ सदर अस्पताल में 10 बेडों का लू वार्ड
सदर अस्पताल भी लू को लेकर अलर्ट मोड में आ गया है और हीट स्ट्रोक के आनेवाले मरीजों के लिए कूलर, आइस पैक, दवा व स्लाइन के साथ 10 बेडों का लू वार्ड शुरू कर दिया गया है
भभुआ सदर. जिले में पिछले एक सप्ताह से जबर्दस्त धूप का प्रकोप जारी है. रविवार से मौसम ने एकाएक करवट बदला और 21 किमी की रफ्तार से चले गर्म हवाओं ने लू को बढ़ा दिया. ऐसे में पूर्वानुमान को देखते हुए सरकार के निर्देश पर सदर अस्पताल भी लू को लेकर अलर्ट मोड में आ गया है और हीट स्ट्रोक के आनेवाले मरीजों के लिए कूलर, आइस पैक, दवा व स्लाइन के साथ 10 बेडों का लू वार्ड शुरू कर दिया गया है. यहां लू की चपेट में आने वाले मरीजों के लिए मुफ्त में सभी जरूरी और मेडिकल सुविधा प्रदान की जायेगी. सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार ने कहा कि गर्मी भीषण पड़ने लगी है, इसलिए सभी को अलर्ट में रहना होगा. उन्होंने कहा कि हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए सदर अस्पताल में फिलहाल 10 बेडों का लू वार्ड बनाया गया है, अगर मरीज बढ़ते हैं या जरूरत पड़ती है तो इसे 20 बेड का किया जा सकता है. वार्ड में कूलर, आइस पैक, पंखे, दवाएं आदि की व्यवस्था कर दी गयी है. इसके अलावा अस्पताल के इमरजेंसी भर्ती वार्ड में भी कूलर लगा दिया गया है. बताया कि लू की आपात स्थिति से निबटने को लेकर सदर अस्पताल पूरी तरह से तैयार है. सरकार के निर्देशानुसार अस्पताल में 10 बेड का लू वार्ड बनाया है. वहीं, इस वार्ड में पीड़ित मरीजों के आइस पैक के साथ-साथ कोरोना के तर्ज पर दवा आदि के स्पेशल किट की भी व्यवस्था रहेगी. चिकित्सक किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए 24 घंटे अलर्ट मोड में रहेंगे. = लू लगने के यह होते हैं लक्षण लू लगने का कारण कमजोरी, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, शरीर से अधिक पसीना आना, मिचली, उल्टी, सांस और दिल की धड़कन तेज होना, नींद पूरी न होना है. = बहुत जरूरी है सतर्कता शरीर में पानी की कमी न हो, बाहर निकलने पर सिर को ढकें, धूप से आने के बाद तुरंत ठंडा पानी न पीएं, नींबू, छाछ व आम के पने का सेवन करते रहें, मौसमी फल, सब्जी का सेवन करें. इनसेट धूप लगने पर मल्टी आर्गन फेल्योर होने का रहता है खतरा भभुआ सदर. सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार का कहना है कि शरीर में गर्मी को नियंत्रित करने के लिए हाइपोथेलेमस (एक प्रकार की ग्रंथि जो तापमान को नियंत्रित करती है) होता है. सीधे शरीर पर धूप पड़ने के बाद हाइपोथेलेमस का स्तर बढ़ता है. इस अवस्था में शरीर की कोशिकाएं सामान्य तरीके से काम नहीं कर पाती हैं और इससे मल्टी आर्गन फेल्योर का भी खतरा रहता है. सिरदर्द, उल्टी, चक्कर, बेहोशी आती है. बचाव के लिए सबसे अधिक जरूरी है कि सिर से लेकर पूरे शरीर को ढककर रखना चाहिए, साथ ही जरूरी है कि पानी की मात्रा कम न होने दें. इसके लिए बाहर निकलने पर साथ में नीबू पानी और इलेक्ट्रॉल पावडर साथ रखें, अगर किसी वजह से धूप लग भी गयी है तो अपने को ठंडे कमरे में रखें एवं वहां कमरे में सूखापन न रहे. इसके साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं लेनी चाहिए. ..लू वार्ड में कूलर, पंखे से लेकर आइस पैक सहित दवा और स्लाइन की व्यवस्था हीट स्ट्रोक से निबटने को लेकर सदर अस्पताल पूरी तरह से तैयार लू वार्ड में पीड़ित मरीजों के लिए स्पेशल किट की भी व्यवस्था रहेगी आपात स्थिति से निबटने के लिए 24 घंटे अलर्ट मोड में रहेंगे चिकित्सक
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