Bihar News: कैमूर की पहाड़ी तक जायेगा सोन नदी का पानी, 200 करोड़ खर्च कर बुझाई जायेगी 10 हजार लोगों की प्यास
Bihar News: वर्तमान में योजना का डीपीआर बनाने के लिए निरीक्षण किया जा रहा है. डीपीआर तैयार कर सरकार को भेजा जायेगा. स्वीकृति के बाद काम शुरू होगा.
मुख्य बातें
Bihar News: कैमूर. रजी अहमद खान, कैमूर पहाड़ी की रोहतासगढ़ पंचायत के गांवों तक सोन नदी का पानी पहुंचाने की योजना पर पीएचइडी काम कर रही है. गत दिनों कुशडिहरा गांव के पास सोन नदी से पानी अपलिफ्टि कर पहाड़ी तक पहुंचाने के लिए जमीन का निरीक्षण करने के लिए इंजीनियर पहुंचे थे. निरीक्षण के दौरान पीएचडी के सहायक अभियंता कुमार उमेश सिंह ने बताया कि सोन नदी में पांच कुएं का निर्माण कराना है. इन पांच कुओं में मोटर लगा कर पहाड़ी पर पानी अपलिफ्ट किया जायेगा.
चौरासन मंदिर के समीप बनेगी टंकी
पहाड़ी पर चौरासन मंदिर के समीप टंकी बनेगी, जहां पानी स्टोर कर गांवों में सप्लाइ देने की योजना बनायी जा रही है. उन्होंने बताया कि सोन नदी के पानी को अपलिफ्ट करने के लिए करीब सात किलोमीटर पाइप लाइन बिछायी जायेगी. इस योजना पर करीब दो सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे. वर्तमान में योजना का डीपीआर बनाने के लिए निरीक्षण किया जा रहा है. डीपीआर तैयार कर सरकार को भेजा जायेगा. स्वीकृति के बाद काम शुरू होगा.
क्या है पूरी परियोजना
- चूआं से पानी निकाल काम चलाते है वनवासी
- सात किलोमीटर बिछाई जायेगी पाइप लाइन
- चौरासन मंदिर के पास बनेगी टंकी
- सोन की तराई में बनाये जायेंगे पांच कुएं
- प्रत्येक कुआं में लगेगा मोटर
- पानी की जायेगी अपलिफ्ट
- डीपीआर तैयार, जल्द शुरू होगा काम
सोन के पानी से संवर जायेगी वनवासियों की जिंदगी
वर्तमान समय में गरमी आते ही पानी की कमी के कारण वनवासी पशु सहित पहाड़ी से नीचे पलायन कर जाते हैं. पुन: बरसात होने पर वापस आते हैं. अगर यह योजना पूरी हो गयी, तो वनवासियों को कभी पानी का अभाव नहीं होगा. गौरतलब हो कि रोहतासगढ़ पंचायत के मुखिया नागेंद्र यादव ने पहाड़ी के गांवों में जल संकट को लेकर ऐसी योजना बनाने की मांग की थी. अगर ऐसा हो गया, तो कैमूर पहाड़ी के वनवासियों का जीवन बदल जायेगा. गरमी के दिनों में भी उन्हें उनके घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो जायेगा.
तीन लोगों को मिली जिम्मेदारी
रोहतास प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनुशंसा पर अनुमंडल पदाधिकारी डेहरी ने इस योजना की रूपरेखा के लिए एक तीन सदस्य टीम पीएचइडी अभियंता कुमार उमेश सिंह, रोहतास के कनीय अभियंता अबू बकर व नौहट्टा के कनीय अभियंता रवि रंजन कुमार का गठन किया था. यही टीम गत दिनों स्थल निरीक्षण का कार्य शुरू की है. टीम ने सोन नदी के किनारे आजादी से पहले के बने कुओं का भी निरीक्षण किया. अगर वे कामयाब हुए, तो उन कुओं को भी योजना में शामिल किया जायेगा.
इन गांवों को मिलेगा लाभ
सोन नदी से पहाड़ी तक अगर यह योजना सफलता पूर्वक पूरी हो गयी, तो रोहतास पंचायत के बभन तालाब, नागा टोली, बड़का बुधवा, चाकडीह, कछुअर, धंसा, छोटका बुधवा, बलुआही, रेडिया, कपरफुटी, लुक्का, पहरू, नकटी, भवनवा, करपा आदि गांव के करीब 10 हजार आबादी को इसका लाभ मिलेगा.
कहते हैं अधिकारी
रोहतासगढ़ पंचायत के सरपंच पटेल साह ने कहा कि अगर सरकार की यह योजना सफल रही, तो वनवासियों का भाग्य को बदल जायेगा. जल संकट से हमलोगों को निजात मिल जायेगी. फिर कभी हमें पानी के लिए दरबदर भटकना नहीं पड़ेगा. वहीं रोहतासगढ़ पंचायत के पूर्व मुखिया मोती उरांव ने कहा कि वनवासियों की सबसे बड़ी समस्या पानी की ही है. लोग चूआं और बरसाती नदी के सहारे साल के आठ महीना गुजारते हैं. बाकी गरमी का चार महीना तो भगवान भरोसे कटता है. यह योजना हमारे लिए वरदान से कम नहीं.
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