बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जन-जागरूकता
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जिला पदाधिकारी, के निर्देशानुसार पूरे जिले में बाल विवाह की रोकथाम एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है.
अरवल. बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत जिला पदाधिकारी, के निर्देशानुसार पूरे जिले में बाल विवाह की रोकथाम एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में आंगनवाड़ी सेविका एवं सहायिकाओं द्वारा गांव-गांव जाकर लगातार डोर-टू-डोर अभियान चलाया जा रहा है. ग्रामीण परिवारों से संपर्क कर उन्हें बाल विवाह के दुष्परिणाम, कानूनी पहलुओं तथा इसके परिवार और समाज पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में विस्तार से जागरूक किया जा रहा है. अभियान के दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रत्येक घर पर पहुँचकर संवाद स्थापित किया जा रहा है. अभिभावकों, किशोर-किशोरियों एवं समुदाय के सदस्यों को यह समझाया जा रहा है कि बाल विवाह न केवल अवैध है बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित कर आमजनों को यह बताया जा रहा है कि यदि कहीं भी संदिग्ध परिस्थिति या बाल विवाह जैसी घटना दिखायी दे, तो वे तत्काल जिला प्रशासन या पुलिस को सूचना दें. जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीति के उन्मूलन में जनभागीदारी को अत्यधिक महत्व दिया जाए. उन्होंने कहा कि आमजन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, जीविका दीदी एंव स्थानीय जनप्रतिनिधि मिलकर ही बाल विवाह मुक्त अरवल का निर्माण संभव है. जिला प्रशासन अरवल ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे बाल विवाह रोकथाम के इस अभियान में सक्रिय सहयोग प्रदान करें एवं समाज को इस कुप्रथा से मुक्त बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें.
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