कुर्था थाने में पदस्थापित अधिकारी सीख रहे हैं डिजिटल अनुसंधान के गुर
जमाने के साथ अब थाने को भी हाईटेक किया जा रहा है जिसको लेकर थाने में पदस्थापित पुलिस अधिकारियों को डिजिटल अनुसंधान के गुर सिखाये जा रहे हैं.
कुर्था. जमाने के साथ अब थाने को भी हाईटेक किया जा रहा है जिसको लेकर थाने में पदस्थापित पुलिस अधिकारियों को डिजिटल अनुसंधान के गुर सिखाये जा रहे हैं. हालांकि प्रतिदिन थाने में अनुसंधानकर्ताओं को कंप्यूटर का ट्रेनिंग दी जा रही है. जिसमें कैसे डिजिटल अनुसंधान करना है. इ-शिक्षा एप पर कोई भी वीडियो, ऑडियो कैसे अपलोड करना है, कंप्यूटर टाइपिंग एवं अन्य बेसिक ट्रेनिंग दिया जा रहा है, ताकि डिजिटल तरीके से विभिन्न कांडों का अनुसंधान किया जा सके. चूंकि डिजिटल अनुसंधान अपराधियों को सजा दिलाने में काफी कारगर सिद्ध होगी. उक्त बातों की जानकारी देते हुए कुर्था थानाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने बताया कि कंप्यूटर के उपयोग से अनुसंधान में, खासकर अनुसंधान में, कई प्रकार के फायदे देखे गये हैं. कंप्यूटर डेटा को संग्रहित, विश्लेषित और प्रस्तुत करने में सहायता करते हैं, जिससे अनुसंधानकर्ता अधिक सटीक और विस्तृत परिणाम प्राप्त कर सकते हैं. डेटा विश्लेषण तेजी से और प्रभावी ढंग से किया जा सकता है और कंप्यूटर व्याख्या में भी उपयोगी होते हैं. कंप्यूटर का उपयोग डेटा को संग्रहित, व्यवस्थित और सॉर्ट करने के लिए किया जा सकता है. यह सामाजिक अनुसंधान में डेटा के बड़े सेट को संभालने में मदद करता है. कंप्यूटर के उपयोग से, जटिल डेटा का विश्लेषण करना आसान हो जाता है. विभिन्न प्रकार के सांख्यिकीय विश्लेषण और पैटर्न की पहचान करने में मदद मिल सकती है. कंप्यूटर डेटा की सटीकता और प्रामाणिकता की जांच करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अनुसंधानकर्ता द्वारा की गयी व्याख्या सही है. कंप्यूटर से उत्पन्न तालिकाएं और ग्राफ एक शोधकर्ता के लिए अपने निष्कर्षों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने में मदद करते हैं. डेटा विश्लेषण के लिए समय की बचत होती है क्योंकि कंप्यूटर गणना और विश्लेषण तेजी से कर सकते हैं. कंप्यूटर का उपयोग डेटा की व्याख्या के लिए भी किया जा सकता है, जिससे शोधकर्ता अधिक स्पष्ट और प्रभावी ढंग से अपने निष्कर्षों को प्रस्तुत कर सकते हैं. इस मौके पर थानाध्यक्ष के अलावा अपर थानाध्यक्ष शमशेर आलम, एसआइ रूपेश कुमार, रिंकू कुमारी, स्मिता उपाध्याय, संजय कुमार, चंद्रदेव महतो, दिलीप कुमार समेत कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे.
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