एक दिन भी नहीं ढोया जदयू का झंडा और बन गये जदयू का विधायक
रातों-रात उन्होंने रालोसपा का दामन छोड़कर जदयू का दामन थामना पड़ा और अहले सुबह उन्हें बिहार के सत्ताधारी दल के टिकट पर कुर्था विधानसभा से चुनाव लड़ने का मौका मिला़
कुर्था. अरवल जिले के बेलखारा गांव निवासी सेवानिवृत शिक्षक के पुत्र पप्पू वर्मा जिन्होंने विगत 20 वर्षों से रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का दामन थाम कर अपनी राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी लेकिन उन्हें भी पता नहीं था कि जिंदगी कब कौन मोड़ लेगी और यही हुआ इनके साथ, जिन्होंने विगत 20 वर्षों में एक दिन भी जदयू का झंडा नहीं ढोया वो आज जदयू के टिकट से कुर्था विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर बिहार विधानसभा की कुर्सी सुशोभित करने का कार्य किया. वर्ष 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में अंतिम क्षण तक रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर अपनी आस्था व्यक्त करने वाले पप्पू वर्मा लगातार आश्वस्त थे कि एनडीए गठबंधन का कुर्था विधानसभा सीट रालोसपा की झोली में जायेगी और हमें रालोसपा से कुर्था विधानसभा का टिकट मिलेगा और विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. रातों-रात उन्होंने रालोसपा का दामन छोड़कर जदयू का दामन थामना पड़ा और अहले सुबह उन्हें बिहार के सत्ताधारी दल के टिकट पर कुर्था विधानसभा से चुनाव लड़ने का मौका मिला और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी सुदय यादव को लगभग 5000 मतों से पराजित कर बिहार विधानसभा में पहुंचने का काम किया. हालांकि विगत 20 वर्षों से संघर्ष करने वाले पप्पू वर्मा की किस्मत 2025 में चमकेगी, शायद उन्हें भी पता नहीं था, लेकिन कुर्था विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हें मेहनत का इनाम दे दिया, जो पप्पू वर्मा ठंडा, गर्मी, बरसात लगातार क्षेत्र के लोगों से जुड़े रहे. दुख-सुख में शामिल रहे, इसी का प्रतिफल है कि इस बार के चुनाव में कुर्था विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हें लाइक किया और अपार जनसमर्थन देकर उन्हें बिहार विधानसभा की कुर्सी पर सत्तासीन कराया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
