हाईटेक अटेंडेंस सिस्टम से बदलेगी स्कूलों की तस्वीर, अब टैब से होगी बच्चों और शिक्षकों की हाजिरी

सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अब प्रखंड के सभी सरकारी स्कूलों में टैबलेट के माध्यम से बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज की जायेगी.

By PANKAJ KUMAR SINGH | July 13, 2025 9:04 PM

बरहट. सरकारी विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. अब प्रखंड के सभी सरकारी स्कूलों में टैबलेट के माध्यम से बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज की जायेगी. यह उपस्थिति फेस रिकग्निशन तकनीक के जरिये की जायेगी, इससे स्कूल में कौन आ रहा है और कौन अनुपस्थित है, इसका स्पष्ट रिकॉर्ड मिलेगा. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुधांशु कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से प्रखंड के सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालयों को दो-दो टैबलेट, जबकि उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को तीन-तीन टैब उपलब्ध कराए जा रहे हैं. टैबलेट पूरी तरह हाईटेक होंगे और इन्हें ई-शिक्षा कोष पोर्टल से जोड़ा जायेगा.

तय समय पर होगी उपस्थिति दर्ज

नई व्यवस्था के तहत शिक्षकों की उपस्थिति प्रात: 9:00 से 9:30 बजे तक तथा छात्रों की उपस्थिति 9:30 से 10:00 बजे तक दर्ज की जायेगी. इससे शिक्षा विभाग को रियल टाइम डेटा प्राप्त होगा और अनुपस्थित शिक्षकों और छात्रों की निगरानी आसानी से की जा सकेगी और छात्रों की तस्वीरें भी पोर्टल पर अपलोड की जायेगी.

टैब से जुड़े रहेंगे विभागीय अपडेट

जानकारी के अनुसार, टैबलेट शिक्षा विभाग के पोर्टल से जुड़े रहेगा. इससे प्रभारी प्रधानाध्यापक को विभाग द्वारा जारी निर्देश, पाठ्यक्रम, क्वेश्चन पेपर और अन्य शैक्षणिक सामग्री समय-समय पर प्राप्त होती रहेगी. साथ ही स्कूल में होने वाली हर गतिविधि टैब से अपलोड करनी होगी, जिसे विभागीय अधिकारी कहीं से भी देख सकेंगे. प्रत्येक टैब में आइएमईआइ नंबर के आधार पर स्कूल को चिह्नित किया जायेगा. फिलहाल, टैबलेट वितरण के बाद शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे वे इस व्यवस्था का सही ढंग से संचालन कर सकें. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि अब तक 90 प्रतिशत स्कूलों में टैबलेट पहुंचा दिए गए हैं, शेष स्कूलों को सोमवार तक टैब उपलब्ध हो जाएंगे. इसके बाद विभागीय निर्देशानुसार इनका संचालन शुरू किया जायेगा. इस नई व्यवस्था से विद्यालयों में उपस्थिति की पारदर्शिता, शिक्षकों की जवाबदेही और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है.

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