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Covid-19 : गुजरात से बिहार आये अधेड़ की मौत, कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में 46 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव

कोरोना वायरस से फैले महामारी के बीच प्रशासनिक चुक के कारण बिहार के गोपालगंज में सिधवलिया के एक अधेड़ की मौत की खबर मिल रही है. वहीं, कोरोना के पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आये 46 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है.

गोपालगंज : कोरोना वायरस से फैले महामारी के बीच प्रशासनिक चुक के कारण बिहार के गोपालगंज में सिधवलिया के एक अधेड़ की मौत की खबर मिल रही है. मृतक सेप्टिसीमिया से पीड़ित था. प्रशासन के अधिकारियों ने गांव वालों की सूचना पर महम्मदपुर चौक से रोक कर गोपालगंज के एसएस बालिका प्लस टू स्कूल में बनाये गये आइसोलेशन वार्ड में लाकर भर्ती करा दिया. जहां से उसका कोरोना जांच के लिए सैंपल पटना भेजा गया.

रात दो बजे मरीज की हो गयी मौत

इधर, बेहतर इलाज नहीं होने के कारण मरीज की रात दो बजे मौत हो गयी. मौत के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम करने से इन्कार कर दिया. सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पोस्टमार्टम कराने की बात कही जा रही. फिलहाल शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखा गया है.

26 दिनों पूर्व गुजरात से घर पहुंचा था मृतक

जानकार ग्रामीणों ने बताया कि सिधवलिया थाने के सुपौली गांव के 50 वर्षीय अधेड़ 26 दिनों पूर्व गुजरात से आये थे. प्रशासन को सूचना मिलने के बाद कुछ लोगों ने अधेड़ को क्वारेंटाइन में ले जाकर रखवा दिया. जहां कोई इंतजाम नहीं होने व बवासीर से पीड़ित होने के कारण वह भाग निकला था. बाद में लोकल में ही बवासीर का ऑपरेशन करा लिया. स्थिति बिगड़ने पर उसे गोरखपुर के सावित्री अस्पताल में इलाज कराया जा रहा था. उसे सेप्टिसीमिया होने की बात कही जा रही.

पेट में दर्द हुआ तो एंबुलेंस मंगाकर पटना के लिए निकल पड़े

रविवार को उसके पेट में दर्द हुआ. उसने महम्मदपुर के एक नर्सिंग होम से एंबुलेंस मंगाकर पटना जाने के लिए निकला. उधर, ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना दिया कि क्वारेंटाइन से फरार अधेड़ की तबीयत बिगड़ गयी. इसकी सूचना मिलते ही सिधवलिया पुलिस ने एंबुलेस चालक को फोन कर कोरोना के संदिग्ध मरीज बताकर रोक दिया गया. उधर, सिधविलया के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनौवर आलम व बीडीओ अभ्युदय पहुंचे. उसे पटना जाने से रोकते हुए सरकारी एंबुलेंस से लेकर गोपालगंज एसएस बालिका प्लस अू स्कूल के आइसोलेशन वार्ड में लाकर भर्ती कराया गया. जहां उसकी मौत हो गयी.

प्रशासन के कार्य प्रणाली पर उठा सवाल

बवासीर से पीड़ित अधेड़ के परिजनों ने अधिकारियों से गोरखपुर में हुए इलाज का पर्चा भी दिखाया. उसके बाद भी अधिकारियों ने उसे कोरोना का संदिग्ध मानकर आइसोलेशन सेंटर में लाकर भर्ती करा दिया. जहां उसकी मौत हो गयी. सवाल यह है कि जब परिजनों ने उसे सेप्टिसीमिया का मारीज होने का पर्चा दिया तो सिधवलिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा सदर अस्पताल में इलाज का इंतजाम क्यों नहीं किया गया.

प्रशासन के चुक से कोरोना संदिग्ध की मौत को लेकर होने लगी चर्चा

सिधवलिया के प्रशासनिक अधिकारियों की चुक के कारण लोग कोरोना के संदिग्ध की मौत मान कर दहशत में आ गये. चैनलों से लेकर सोशल साइट तक कोरोना संक्रमित संदिग्ध की मौत की खबर चला दिया गया. जिसके कारण लोग खौफजदा हो गये. लोगों के खौफ भी जायज था. प्रशासनिक अधिकारियों ने भी उसे कोरोना पीड़ित मानकर इलाज कराने के बदले उसके सैंपल को जांच के लिए भेजा. रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जायेगा.

डीएम ने की प्रधान सचिव से पहल की अपील

डीएम अरशद अजीज ने बताया कि अधेड़ की मौत सेप्टिसीमिया से होने की बात सामने आयी है. उसने गोरखपुर के अस्पताल में इलाज कराया था. जहां सेप्टिसीमिया की बात सामने आयी. लेकिन, उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया था. इसलिए प्रधान सचिव से बात कर सैंपल की तत्काल जांच करा कर रिपोर्ट भिजवाने की अपील किया गया है. उम्मीद है कि देर रात शाम तक रिपोर्ट आ सकता है. डीएम ने बताया कि 26 दिनों पूर्व गुजरात से आया था. उसमें कोरोना के लक्षण नहीं थे.

इलाके की बढ़ायी गयी चौकसी

अधेड़ की मौत की खबर आने के साथ ही महम्मदपुर से लेकर पूरे इलाके में पुलिस चौकसी को बढ़ा दिया गया है. रिपोर्ट में अगर कोरोना की पुष्टी हुई तो मृतक से मिलने वालों को भी क्वारेंटाइन कराया जा सकता है. लोगों के घरों से बाहर निकलने पर प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है.

46 लोगों की रिपोर्ट आयी निगेटिव

उचकागांव और भोरे प्रखंड के रहने कोरोना के पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आये 46 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है. अब इन सभी लोगों को क्वारेंटाइन सेंटरों से गाइडलाइन के अनुसार घर भेजा जा सकता है. डीएम अरशद अजीज ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसके पहले थावे प्रखंड के पॉजिटिव मरीज के परिजनों की भी जांच रिपोर्ट निगेटिव आया था. जिसके बाद उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर से घर भेज दिया गया. कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आये लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आने से जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है.

चौकीदार का ब्लड रिपोर्ट निगेटिव

थावे प्रखंड में विदेश से आये एक युवक में कोरोना का लक्षण पाये जाने के बाद संपर्क में आये एक स्थानीय चौकीदार की जांच के लिए सैंपल पटना भेजी गयी. चौकीदार की जांच रिपोर्ट निगेटिव आया है. थानाध्यक्ष विशाल आनंद ने बताया कि जांच के बाद रिपोर्ट निगेटिव पाया गया. जिसके बाद क्वारेंटाइन से मुक्त करा दिया गया.

जांच रिपोर्ट नहीं आने तक ऑब्जर्वेशन

अधिकारियों की माने तो पटना से जांच रिपोर्ट नहीं आने तक जिन लोगों का सैंपल लिया गया है, उनपर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें परिवार के लोगों से गाइडलाइन के अनुसार ही मिलना जुलना है. फिलहाल ऐहतियात तौर पर उन सभी लोगों को क्वारेंटाइन सेंटरों में रहकर सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है.

सदर अस्पताल में है दोनों मरीज

उचकागांव व भोरे प्रखंड के रहनेवाले कोरोना के पॉजिटिव दोनों मरीज सदर अस्पताल के कोरोना वार्ड में हैं. डॉक्टरों की टीम दोनों मरीजों की ऑब्जर्वेशन में लगी है. मरीजों की देखरेख गाइडलाइन के अनुसार की जा रही है. ऐसे में जल्द ही दोनों के ठीक होने की उम्मीद जतायी जा रही है.

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