Gaya News : किसी भी जाति, धर्म को गाली देना या अपमानित करना गलत : अठावले

Gaya News : बोधगया पहुंचे केंद्रीय मंत्री से बौद्ध भिक्षुओं के शिष्टमंडल ने मुलाकात कर सौंपा मांगपत्र

By PANCHDEV KUMAR | March 28, 2025 10:52 PM

बोधगया. तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को बोधगया पहुंचे केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि यहां हिंदू समाज के लोग सबसे ज्यादा हैं. एक जमाना था जब ढाई हजार साल पहले राजकुमार सिद्धार्थ को इसी धरती पर ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. उस समय बुद्धिस्ट की संख्या काफी बढ़ गयी थी. बोधगया की भूमि बहुत बड़ा हिस्टोरिकल प्लेस है. सिद्धार्थ कपिलवस्तु के राजा शुद्धोधन के पुत्र थे. वहां शाक्यों और भूली समुदाय के बीच कई विचारों को लेकर विवाद थे. साथ ही, रोहिणी नदी के पानी को लेकर संघर्ष चल रहा था. दोनों पक्षों का कहना था कि यह नदी हमारी है. सिद्धार्थ अपने पिता के विचारों से सहमत नहीं थे. उनका कहना था कि नदी और जल सभी का है. सभी को पानी पीने का अधिकार है. हम इसके लिए युद्ध नहीं करेंगे. उन्होंने देखा कि मानव के विचारों में विषमता है तो विषमता समाप्त होनी चाहिए. मानव के मन का अहंकार दूर होना चाहिए और विश्व शांति का विचार होना चाहिए. बुद्धिज्म के माध्यम से यही विचार लोगों के सामने आया. बुद्धिज्म समानता और मानवता पर आधारित है. यही कारण है कि बुद्धिज्म विश्व के 80 देशों में पहुंचा. सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद नदी में खून बहते देखा तो स्तब्ध हो गये. उन्हें लगा कि ऐसा युद्ध जीतने का कोई लाभ नहीं है, जब मानवता की ही हत्या हो जाये. इसी भाव के कारण उन्होंने बुद्धिज्म को स्वीकार किया. केंद्रीय मंत्री आठवले ने कहा कि भारत की भूमि सर्वधर्म समभाव की है. कुछ बौद्धों द्वारा जारी आंदोलन के संबंध में कहा कि मैं महाराष्ट्र से केंद्र सरकार में मंत्री हूं. वहां के लोग बी टी एक्ट 1949 को समाप्त करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं. हमारी मुलाकात मुख्यमंत्री, राज्यपाल और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से होगी तो इस बात को रखूंगा कि इसमें क्या कुछ संशोधन हो सकता है. उन्होंने कहा कि किसी भी जाति, धर्म को गाली देना या अपमानित करना पूरी तरह से गलत है. इस अवसर पर वरीय भिक्षु भदंत हर्षबोधि, मुरारी सिंह चंद्रवंशी व अन्य मौजूद थे. बोधगया आगमन पर बोधगया में रह रहे विभिन्न बौद्ध संगठनों के वरिष्ठ भिक्षुओं ने मंत्री रामदास अठावले से मिल कर बोधगया की स्थिति और आंदोलन के संबंध में बात की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 2013 में बीटीएमसी में जिस तरह से बदलाव लाया, उसी तरह का बदलाव लाकर इस विरोध को समाप्त किया जाये, ताकि आपसी मतभेद नहीं रहे. मंत्री ने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि हम इस मांगपत्र पर सरकार से बात करेंगे.

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