चिकित्सकों व कर्मियों की कमी से सीएचसी केवटी-रनवे का मरीजों को नहीं मिल रहा लाभ
सीएचसी केवटी-रनवे को 11 वर्ष पहले पीएचसी को उत्क्रमित कर बनाया गया था. इसके बावजूद अभी तक यह सीएचसी चिकित्सक व कर्मियों की कमी का दंश झेल रहा है.
केवटी. सीएचसी केवटी-रनवे को 11 वर्ष पहले पीएचसी को उत्क्रमित कर बनाया गया था. इसके बावजूद अभी तक यह सीएचसी चिकित्सक व कर्मियों की कमी का दंश झेल रहा है. इसके कारण प्रखंड क्षेत्र के तीन लाख 70 हजार आबादी को बेहतर इलाज की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है. ड्रेसर का पद वर्षों से रिक्त होने से गंभीर रूप से जख्मी मरीजों का उपचार चिकित्सक के देखरेख में एम्बुलेंस कर्मी, गार्ड करते हैं. इसके अलावा चिकित्सक की कमी रहने से अतिरिक्त पीएचसी के आयुष चिकित्सक अधिकांश समय में अपने कर्तव्य पालन में लगे रहते हैं. वहीं पदस्थापित विशेषज्ञ चिकित्सक सप्ताह में एक से दो दिन ही रहते हैं. इसे लेकर विशेषज्ञ चिकित्सक का उचित लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है.
2014 में सीएम ने ऑनलाइन किया था उद्घाटन
2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने करीब छह करोड़ से निर्मित सीएचसी भवन का ऑनलाइन उदघाटन किया था. सीएचसी में 61 पद सृजित हैं. इसमें वर्तमान में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ निर्मल कुमार लाल सीएचसी के अतिरिक्त प्रभार में हैं. वे पीएचसी रैयाम के प्रभारी हैं. वहीं फार्मासिस्ट के तीन, ड्रेसर सह कंपाउंडर के छह व ओटी अस्टिटेंट के छह, एक्स-रे टेक्निशियन के तीन तथा शल्य कक्ष सहायक के छह पद सृजित हैं, जो रिक्त हैं. वही जीएनएम के 16 सूजित पदों में 13, विशेषज्ञ चिकित्सक के छह में चार, सामान्य चिकित्सक के छह में चार, लिपिक के चार में तीन, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी के पांच में तीन पद रिक्त है. इसके कारण एनएच पर सड़क दुघर्टना में गंभीर रूप से घायल, मारपीट मामले में गंभीर रूप से जख्मी के सीएचसी पहुंचने पर काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
