दरभंगा सीट : अब मैदान से हट गये हैं संजय, कीर्ति और फातमी, पांच साल तक की थी चुनाव लड़ने की तैयारी

पटना : जदयू नेता संजय झा, भाजपा छोड़ कांग्रेस में आये कीर्ति आजाद और राजद नेता मोहमम्द अली अशरफ फातमी ने पांच साल चुनाव की तैयारी की. पर, समय जब आया तो मैदान से उन्हें हट जाना पड़ा. तीनों नेताओं का डेस्टिनेशन एक ही था. दरभंगा लोकसभा सीट पर तीनों की उम्मीदें लगी थीं. फातमी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 10, 2019 5:43 AM
पटना : जदयू नेता संजय झा, भाजपा छोड़ कांग्रेस में आये कीर्ति आजाद और राजद नेता मोहमम्द अली अशरफ फातमी ने पांच साल चुनाव की तैयारी की. पर, समय जब आया तो मैदान से उन्हें हट जाना पड़ा. तीनों नेताओं का डेस्टिनेशन एक ही था. दरभंगा लोकसभा सीट पर तीनों की उम्मीदें लगी थीं. फातमी के सामने मधुबनी भी विकल्प था, मगर कीर्ति आजाद और संजय झा ने आखिरी समय तक दरभंगा के लिए ही जोर लगाया. संजय झा पार्टी के निर्देश पर दरभंगा के चुनावी मैदान से बाहर हो गये. फातमी अपने समर्थकों से संपर्क में हैं. जबकि, कीर्ति आजाद धनबाद से कांग्रेस के उम्मीदवार बनाये गये हैं.
वीआइपी अध्यक्ष मुकेश सहनी भी शुरुआती दौर में दरभंगा पर नजर टिकाये थे, पर गठबंधन में उन्हें खगड़िया की सीट मिली है.
आखिरी क्षणों तक कीर्ति ने लगाया था जोर : कीर्ति आजाद दरभंगा के सांसद हैं. 2014 में वो भाजपा के टिकट पर यहां से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए. कुछ दिन बाद ही क्रिकेट की राजनीति को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से टकराव के चलते पार्टी से उनका रिश्ता बिगड़ने लगा था.
टूटते-बिगड़ते रिश्तों की अंतिम परिणति उन्हें बेटिकट होने से हुई. भाजपा ने दरभंगा से कीर्ति आजाद का टिकट काट वहां के पूर्व विधायक गोपालजी ठाकुर को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. कांग्रेस का दामन थाम चुके कीर्ति की इस बार दरभंगा से चुनाव लड़ने की हसरत पूरी नहीं हो पायी. महागठबंधन में दरभंगा की सीट राजद की झोली में चली गयी. राजद ने यहां से अपने पुराने नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है.
चुनाव के बाद से ही संजय थे सक्रिय
पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे जदयू उम्मीदवार संजय झा पिछले पांच सालों में लगातार दरभंगा के संपर्क में बने रहे. चुनाव की घोषणा के पूर्व से ही उन्होंने अपना जनसंपर्क अभियान आरंभ कर दिया था. चुनाव के माहौल बनने के साथ ही यह कयास लग रहे थे कि दरभंगा की सीट एनडीए में जदयू को दी जायेगी. इसी संभावना पर संजय झा ने दरभंगा में अपना प्रचार अभियान शुरू किया था. दरभंगा एयरपोर्ट, एम्स आदि विकास कार्यों में संजय झा ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था.
फातमी दरभंगा और मधुबनी से चाहते थे टिकट: मोहम्मद अली अशरफ फातमी दरभंगा या मधुबनी से चुनरव लड़ना चाहते थे. पिछले चुनाव में कुछ मतों से ही वो कीर्ति आजाद से पराजित हो गये थे. फातमी को भरोसा था कि दरभंगा या मधुबनी से वे उम्मीदवार जरूर बनेंगे. वे केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.

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