डुमरांव में अवैध कचरा डंपिंग पर न्यायालय सख्त

डुमरांव नगर क्षेत्र में लंबे समय से जारी अनियमित कचरा डंपिंगऔर कचरे में आग लगाये जाने की गंभीर समस्या पर अब न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है.

By AMLESH PRASAD | December 26, 2025 10:25 PM

डुमरांव. डुमरांव नगर क्षेत्र में लंबे समय से जारी अनियमित कचरा डंपिंगऔर कचरे में आग लगाये जाने की गंभीर समस्या पर अब न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है. अनुमंडल दंडाधिकारी, डुमरांव की अदालत ने वाद संख्या सं-1628/एम/2025 के तहत धारा 152 बीएनएस में विधिसम्मत कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. यह कदम नगरवासियों के स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है. समाजसेवी की पहल रंग लाई, प्रशासनिक जवाबदेही तय : स्टेशन रोड, लंगटु महादेव की गली निवासी एवं समाजसेवी धीरज कुमार द्वारा दायर आवेदन के आलोक में न्यायालय ने नगर परिषद डुमरांव तथा उससे संबद्ध सफाई एजेंसी के विरुद्ध संज्ञान लिया है. धीरज कुमार ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया कि वे जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर लगातार प्रशासन को अवगत कराते रहे हैं, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका. एनजीटी गाइडलाइन की अवहेलना पर उठा बड़ा सवाल : आवेदन में आरोप लगाया गया है कि नगर परिषद द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की गाइडलाइन के विपरीत आबादी वाले इलाकों, सड़कों और जलस्रोतों के पास खुलेआम कचरा डम्पिंग की जा रही है. इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, बल्कि आम लोगों का जीवन और स्वास्थ्य भी गंभीर खतरे में पड़ गया है. इन इलाकों में सबसे अधिक समस्या चिह्नित प्रमुख स्थानों में शामिल सुरतराय का पोखरा कांव नदी (सिमरी भोजपुर पथ, नया भोजपुर–डुमरी पथ) भोजपुर राजवाहा टेढ़ीकी पुल से महाकाल मंदिर होते हुए कांव नदी तक, नया भोजपुर थाना के बगल में इन स्थानों पर कचरा डाले जाने के साथ-साथ उसमें आग लगाए जाने से जहरीला धुआं फैलता है, जिससे क्षेत्र का वातावरण अत्यंत विषाक्त हो जाता है. कचरे की आग से बढ़ रहा श्वसन रोगों का खतरा : कचरे में आग लगाए जाने से उत्पन्न जहरीली गैसों का सबसे अधिक असर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों पर पड़ रहा है. श्वसन संबंधी रोगों में वृद्धि को लेकर स्थानीय लोग लंबे समय से चिंता जता रहे थे. अब तक पत्राचार, अब न्यायिक हस्तक्षेप : धीरज कुमार ने बताया कि इस समस्या को लेकर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी एवं खेश फैसिलिटीज मैनेजमेंट, पटना के निदेशक को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित रही. अब न्यायालय के हस्तक्षेप से ठोस समाधान की उम्मीद जगी है. दो जनवरी को होगी अगली सुनवाई : न्यायालय ने विपक्षी पक्ष को नोटिस जारी कर 2 जनवरी को स्वयं अथवा अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. अनुपस्थिति की स्थिति में विधिसम्मत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. जनहित की जीत, स्वच्छ और सुरक्षित डुमरांव की ओर एक कदम : यह मामला अब केवल सफाई व्यवस्था का नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक अधिकारों से जुड़ा गंभीर विषय बन चुका है. न्यायालय की सक्रियता से नगरवासियों को स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिलने की उम्मीद प्रबल हुई है. अब पूरे नगर की निगाहें आगामी सुनवाई पर टिकी हैं.

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