Buxar News: दो दिनों में कोरानसराय में 274 व आरियांव में 180 लोगों का लिया गया सैंपल
जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गत 18 अगस्त से नाइट ब्लड सर्वे का संचालन किया जा रहा है.
बक्सर
. जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत गत 18 अगस्त से नाइट ब्लड सर्वे का संचालन किया जा रहा है. इस क्रम में डुमरांव प्रखंड अंतर्गत अरियांव पंचायत में सेंटिनल व कोरान सराय पंचायत में रैंडम साइट बनकर लोगों का सैंपल लिया जा रहा है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग, पीरामल फाउंडेशन, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च व संबंधित एचडब्ल्यूसी पर गठित पेशेंट स्टेक होल्डर प्लेटफार्म के माध्यम लोगों को जागरूक किया जा रहा है. इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आरबी प्रसाद ने बताया कि रात में ही फाइलेरिया के परजीवी एक्टिव होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से फाइलेरिया के परजीवी का पता लगाया जाता है. उन्होंने लोगों से अपील किया कि नाइट ब्लड सर्वे के दौरान अपने ब्लड का जांच जरूर कराएं और आसपास के लोगों को भी ब्लड जांच करवाने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने बताया कि प्रत्येक साइट से एनबीएस के दौरान 300 लोगों का ब्लड सैंपल लिया जाएगा. इसके लिए रात्रि 8:30 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक नाइट ब्लड सर्वे किया जा रहा है. इस दौरान 20 वर्ष व उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों का ही ब्लड सर्वे किया जाएगा. दो दिनों में 454 लोगों का लिया गया सैंपलवीबीडीएस अभिषेक सिन्हा ने बताया कि प्रखंड अंतर्गत दोनों साइट्स पर 300-300 लोगों के खून का सैंपल लिया जाना हैं. इसके लिए कुल चार रात शिविर का संचालन किया जाना है. इसमें पहले दो दिनों में कोरानसराय में 274 व आरियांव में 180 लोगों का सैंपल लिया गया है. जो लोगों में बढ़ी जागरूकता के कारण ही संभव हुआ है. उन्होंने बताया कि इसका सारा श्रेय दोनों एचडब्ल्यूसी पर गठित पीएसपी की बदौलत ही संभव हो पाया है. पीएसपी के सदस्यों विशेषकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों व फाइलेरिया मरीजों के साथ आशा कार्यकर्ताओं ने विभिन्न माध्यमों से लोगों को जागरूक किया है. इसकी बदौलत लोगों ने फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम व नाइट ब्लड सर्वे की महत्ता समझी और शिविर के संचालन में अपना योगदान दिया. एमडीए अभियान में भी निभाई जाएगी महत्वपूर्ण भूमिका :कोरानसराय मुखिया सह पीएसपी सदस्य कांति देवी ने कहा कि पीएसपी जुड़ने के बाद उन्हें फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की महत्ता समझ में आई. उनके पंचायत में फाइलेरिया मरीजों की संख्या अधिक है. इसके कारण फाइलेरिया के प्रसार की संभावना भी काफी अधिक है. यदि फाइलेरिया का प्रसार यूं ही बढ़ता रहेगा तो भविष्य में घर घर फाइलेरिया में मरीज हो सकते हैं. इस लिए फाइलेरिया से बचाव में वो पीएसपी के माध्यम से हर संभव प्रयास करती रहेंगी. उन्होंने बताया कि पीएसपी के गठन के पूर्व फाइलेरिया को लेकर किसी प्रकार की बात नहीं होती थी, लेकिन पीएसपी गठन के बाद सदस्यों के द्वारा जागरूक करने पर फाइलेरिया की गंभीरता को ग्रामीणों ने समझा. उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने में वो एनबीएस व एमडीए के अलावा हर गतिविधियों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
