पछुआ हवा के कारण जिलेवासियों को ठंड से नहीं मिली राहत
जिले में पिछले बुधवार के बाद पहली बार लोगों को धूप का दर्शन हुआ. सुबह में कोहरा एवं बादलों के बीच छिपे होने के कारण सूर्य का दीदार सुबह 9 बजे के बाद हुआ.
जिले का तापमान पहुंचा 10 डिग्री सेल्सियस : मौसम विभाग से बिहार के विभिन्न जिलों में न्यूनतम तापमान कायम रहने के लिए अपडेट जारी किया गया है. जिसमें बक्सर जिला भी शामिल है. जिले में न्यूनतम तापमान बने करने की संभावना जताया गया है. वहीं जिले में पिछले तीन दिनों से न्यूनतम तापमान 10 डिग्री एवं अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियम बना हुआ है. जिसके कारण लोगों को ठंड से राहत नहीं मिलती दिख रही है. आगामी कुछ दिनों तक इसी प्रकार ठंड मौसम बने रहने की संभावना जताया गया है. जिसके कारण ऊनी वस्त्रों के पहनने के बाद भी ठंड अपना प्रभाव दिखा रहा है.
शीतलहर या ठंड लगने पर व्यक्ति में निम्न लक्षण उत्पन्न होते है
जिसमें शरीर का ठंडा होना एवं इसके अंगों का सुन्न पड़ना अत्यधिक कंपकपी या ठिठुरनबार-बार जी मिचलाना या उल्टी होना
अर्धबेहोशी की स्थिति अथवा बेहोश होनाशीतलहर या ठंड से बचाव के उपाय : अनावश्यक घर से बाहर न जाएं और यथासंभव घर के अंदर सुरक्षित रहें (विशेषकर वृद्ध व बच्चे). यदि घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो समुचित ऊनी एवं गर्म कपड़े पहन कर ही निकलें। बाहर निकलते समय अपने सिर, चेहरे, हाथ एवं पैर को भी उपयुक्त गर्म कपड़े से ढक लें. शरीर में उष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें. बंद कमरों में जलती हुई लालटेन, दीया एवं कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएं के निकास का उचित प्रबंध करें. प्रयोग के बाद इन्हें अच्छी तरह से बुझा दें. हीटर, ब्लोअर आदि का प्रयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना न भूलें अन्यथा यह जानलेवा हो सकता है. राज्य सरकार शीतलहर के समय रात्रि में सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करती है, जिसका लाभ उठाकर शीत लहर से बचा जा सकता है. राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में बेघरों के लिए रैन-बसेरों का प्रबंध किया जाता है, जहां कंबल व बिस्तर आदि उपलब्ध रहते हैं. इन सुविधाओं का प्रयोग करें. उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के मरीज तथा हदृय रोगी चिकित्सक की सलाह जरूर लेते रहें तथा समान्यत: धूप होने पर ही घर से बाहर निकलें. विशेष परिस्थिति में नजदीकी सरकारी अस्पताल से अविलंब चिकित्सा परामर्श लें. पशुओं के बथान गर्म रखने की समुचित व्यवस्था करें. पशुओं को ठंड लगने पर पशु अस्पताल/पशु चिकित्सक की सलाह लें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
