पछुआ हवा के कारण जिलेवासियों को ठंड से नहीं मिली राहत

जिले में पिछले बुधवार के बाद पहली बार लोगों को धूप का दर्शन हुआ. सुबह में कोहरा एवं बादलों के बीच छिपे होने के कारण सूर्य का दीदार सुबह 9 बजे के बाद हुआ.

By AMLESH PRASAD | December 22, 2025 10:17 PM

बक्सर. जिले में पिछले बुधवार के बाद पहली बार लोगों को धूप का दर्शन हुआ. सुबह में कोहरा एवं बादलों के बीच छिपे होने के कारण सूर्य का दीदार सुबह 9 बजे के बाद हुआ. बादलों से हल्की धूप की किरणें जिले में पड़ी. जिसके बावजूद ठंडापन में किसी तरह की कमी नहीं आयी. वहीं सूर्य की किरणों गर्मी नहीं पहुंचा पाई. सुबह 11 बजे के बाद अपेक्षाकृत सूर्य की किरणों में कुछ तल्खी आयी. इसके बाद घरों से लोग निकलकर छतों पर नजर आये. वहीं कई दिनों बाद मिली धूप में कपड़ों को सुखाने के लिए भी लोग अपने छतों पर पहुंंचे. साेमवार को जिले में सूर्य की रोशनी मिलने के बावजूद गर्माहट महसूस नहीं हुई. बाहर में पछुआ हवा के कारण ठंड से राहत नहीं मिल रही है. धूप हाेने के बाद भी जिले का तापमान पिछले तीन दिनों से न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे दैनिक कामगारों के साथ ही आम लोगों की जन जीवन प्रभावित हो गया है. दैनिक मजदूरों को ठंड के कारण रोजगार नहीं मिल रहा है. निर्माण कार्य ठंड के कारण लगभग काफी धीमी गति से चल रहा है. जिससे ऐसे मजदूरों के समक्ष जीवन यापन की समस्या आने लगी है. वहीं ठंड से राहत के लिए घर से बाहर रहने वाले लोग अपने स्तर से अलाव की व्यवस्था कर लिये है. जिससे ठंड से राहत पाई जा सके.

जिले का तापमान पहुंचा 10 डिग्री सेल्सियस : मौसम विभाग से बिहार के विभिन्न जिलों में न्यूनतम तापमान कायम रहने के लिए अपडेट जारी किया गया है. जिसमें बक्सर जिला भी शामिल है. जिले में न्यूनतम तापमान बने करने की संभावना जताया गया है. वहीं जिले में पिछले तीन दिनों से न्यूनतम तापमान 10 डिग्री एवं अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियम बना हुआ है. जिसके कारण लोगों को ठंड से राहत नहीं मिलती दिख रही है. आगामी कुछ दिनों तक इसी प्रकार ठंड मौसम बने रहने की संभावना जताया गया है. जिसके कारण ऊनी वस्त्रों के पहनने के बाद भी ठंड अपना प्रभाव दिखा रहा है.

जिला प्रशासन ने ठंड व शीत लहर से बचाव को लेकर दिया सलाह : जिले में ठंड व शीत लहर से बचाव को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने सलाह दिया है. इसको लेकर जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के माध्यम से अपडेट जारी किया है. जारी अपडेट के अनुसार बताया बताया गया है कि राज्य में ठंड के मौसम में समान्यत: दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह से जनवरी माह के तीसरे सप्ताह तक शीत लहर का प्रकोप रहता है. समान्यत: यदि तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाय तो इसे शीत लहर की स्थिति माना जाता है. शीतलहर से मानव एवं पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. अतएव शीत लहर से बचाव हेतु जन साधारण को सहायक आपदा प्रबंधन अधिकारी ने सलाह दिया है. आवश्यकता पड़ने पर एम्बुलेंस की सहायता ले. इसको ले प्रशासन ने दूरभाष संख्या जारी किया है. जिसे डायल कर कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति एबुलेंस की सुविधा 102 या 108 पर संपर्क करें ले सकते है.

शीतलहर या ठंड लगने पर व्यक्ति में निम्न लक्षण उत्पन्न होते है

जिसमें शरीर का ठंडा होना एवं इसके अंगों का सुन्न पड़ना

अत्यधिक कंपकपी या ठिठुरन

बार-बार जी मिचलाना या उल्टी होना

अर्धबेहोशी की स्थिति अथवा बेहोश होना

शीतलहर या ठंड से बचाव के उपाय : अनावश्यक घर से बाहर न जाएं और यथासंभव घर के अंदर सुरक्षित रहें (विशेषकर वृद्ध व बच्चे). यदि घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो समुचित ऊनी एवं गर्म कपड़े पहन कर ही निकलें। बाहर निकलते समय अपने सिर, चेहरे, हाथ एवं पैर को भी उपयुक्त गर्म कपड़े से ढक लें. शरीर में उष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें. बंद कमरों में जलती हुई लालटेन, दीया एवं कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएं के निकास का उचित प्रबंध करें. प्रयोग के बाद इन्हें अच्छी तरह से बुझा दें. हीटर, ब्लोअर आदि का प्रयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना न भूलें अन्यथा यह जानलेवा हो सकता है. राज्य सरकार शीतलहर के समय रात्रि में सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करती है, जिसका लाभ उठाकर शीत लहर से बचा जा सकता है. राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में बेघरों के लिए रैन-बसेरों का प्रबंध किया जाता है, जहां कंबल व बिस्तर आदि उपलब्ध रहते हैं. इन सुविधाओं का प्रयोग करें. उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के मरीज तथा हदृय रोगी चिकित्सक की सलाह जरूर लेते रहें तथा समान्यत: धूप होने पर ही घर से बाहर निकलें. विशेष परिस्थिति में नजदीकी सरकारी अस्पताल से अविलंब चिकित्सा परामर्श लें. पशुओं के बथान गर्म रखने की समुचित व्यवस्था करें. पशुओं को ठंड लगने पर पशु अस्पताल/पशु चिकित्सक की सलाह लें.

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