Buxar News: स्नानार्थियों के लिए खतरनाक बना बाढ़ के सिल्ट से पटा रामरेखाघाट

नगर परिषद की उपेक्षा के कारण शहर का धार्मिक एवं पौराणिक महत्व वाला रामरेखाघाट परेशानी का सबब बन गया है.

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | August 18, 2025 9:10 PM

बक्सर .

नगर परिषद की उपेक्षा के कारण शहर का धार्मिक एवं पौराणिक महत्व वाला रामरेखाघाट परेशानी का सबब बन गया है. गंगा में आई बाढ़ के कारण उक्त घाट कीचड़ एवं सिल्ट से पूरी तरह ढंक गया है. जिससे सीढ़ी व फर्श तथा कीचड़ में भेद मिट गया है. इसके चलते वहां स्नान करना पूरी तरह खतरनाक हो गया है. हालांकि अभी तक गनीमत है कि घाट पर कोई हादसा नहीं हुआ, शायद इसलिए ही घाट से सिल्ट हटाने को लेकर जिला प्रशासन व नप प्रशासन की नींद नहीं उचट रही है. रामरेखा घाट के पौराणिक महत्ता को देखते हुए वहां स्नान हेतु प्रतिदिन हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. जिसमें शहर के अलावा सूबे के सुदूरवर्ती अन्य जिले एवं दूसरे प्रदेश के स्नानार्थी भी होते हैं. लेकिन उनकी सुविधा को लेकर किसी को कोई परवाह नहीं है.

बाढ़ का पानी घटने के बाद घाट पर स्थित दोनों विवाह मंडपों में 2 से 3 फिट कीचड़ रूपी सिल्ट जमा हो गयी है. इसके साथ ही घाट पर बनी सीढ़ियां भी अपना अस्तित्व खो दी हैं. सिल्ट के जमा हो जाने के कारण घाट पर फिसलन बढ़ हो गया है. लिहाजा श्रद्धालुओं को स्नान करने में परेशानी तो हो रही है, उन्हें तेज धारा में बहकर गंगा के गर्भ में समाने का खतरा भी सताता रहता है. जाहिर है कि बक्सर में मां गंगा की धारा उतरायणी होने तथा त्रेता युग में वहां भगवान श्रीराम के पधारने के कारण धार्मिक रूप से रामरेखाघाट का काफी अधिक महत्व है. स्नान के लिए लोग काफी संख्या में पहुंचते हैं लेकिन बाढ़ का पानी तकरीबन एक सप्ताह से ज्यादा दिनों से नीचे चले जाने के बावजूद नगर परिषद द्वारा न तो सफाई कराया गया है और न हीं गाद हटाने की व्यवस्था की गई है. इससे घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को गंदगी के बीच स्नान करना मजबूरी बन गई है. इसको लेकर स्थानीय लोगों ने मुखर होकर प्रशासन की उदासीनता का आरोप लगाया है. इस समस्या को लेकर रामरेखा घाट स्थित मां गंगा आरती समिति के पुजारी अमर नाथ पांडेय उर्फ लाला बाबा ने कहा कि घाट की सफाई एवं वहां जमे सिल्ट की समस्या के प्रति नगर परिषद के अधिकारी पूरी तरह गैर जवाबदेह बने हुए हैं. घाट पर मौजूद सुशील कुमार ने भी प्रशासन पर कई सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनकी लापरवाही स्नानार्थियों व यहां आने वाले पर्यटकों पर भारी पड़ रही है .

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