ब्रह्मपुर कृषि विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर उठे सवाल

एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ने का दावा करती है.

By AMLESH PRASAD | December 29, 2025 10:00 PM

ब्रह्मपुर. एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ने का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ धरातल पर विभाग की योजनाएं ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही हैं. ब्रह्मपुर प्रखंड में कृषि विभाग द्वारा आयोजित होने वाले आगामी प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने किसानों के बीच असंतोष पैदा कर दिया है. विभाग द्वारा जलवायु अनुकूल खेती और बकरी पालन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण तो दिया जा रहा है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि पूरे प्रखंड से सिर्फ 3-3 किसानों का चयन किया जाना है. हजारों की किसान आबादी वाले इस प्रखंड में केवल 3 किसानों को प्रशिक्षण के लिए भेजना बाकी किसानों के साथ अन्याय है. योगिराज गांव के किसान लाल बाबू मिश्रा का कहना क्या बाकी किसान आधुनिक तकनीक के हकदार नहीं है. जलवायु अनुकूल खेती के लिए सीवान और बकरी पालन के लिए पटना जाना छोटे किसानों के लिए व्यावहारिक नहीं है.

पंजीकरण का भी मिला कम समय : पंजीकरण के लिए महज एक-दो दिन का समय (31 दिसंबर से 1 जनवरी) दिया गया है, जिससे दूर-दराज के गांवों में रहने वाले गरीब किसानों तक जानकारी समय पर पहुंचना मुश्किल है. किसानों का आरोप है कि ऐसे कार्यक्रम केवल विभाग की फाइलों में लक्ष्य पूरा करने के लिए होते हैं. जब तक प्रशिक्षण गांव स्तर पर बड़े पैमाने पर आयोजित नहीं होंगे, तब तक खेती और पशुपालन को लाभकारी बनाना केवल एक सपना बनकर रह जायेगा. जब हजारों किसान संघर्ष कर रहे हों, तो मात्र 3 किसानों को ट्रेनिंग पर भेजना संसाधनों की बर्बादी और आम किसान की अनदेखी है. पंजीकरण की प्रक्रिया भले ही शुरू हो गई हो, लेकिन सीमित सीटों के कारण यह योजना लाभ से ज्यादा विवादों में घिरती नजर आ रही है.

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