Buxar News: अलविदा नमाज में देश के लिए अमन-चैन की मांगीं दुआएं

रमजान मुबारक के आखिरी जुमा पर शुक्रवार को जुमातुलविदा की नमाज पूरी अकीदत के साथ अदा की गयी.

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | March 28, 2025 9:31 PM

बक्सर.

रमजान मुबारक के आखिरी जुमा पर शुक्रवार को जुमातुलविदा की नमाज पूरी अकीदत के साथ अदा की गई. इसको लेकर शहर समेत जिले भर के मस्जिदों व ईदगाहों में रोजेदारों के सैलाब उमड़ गए. इसको लेकर मजहबी उत्साह के साथ मस्जिदों व ईदगाहों में पहुंचे और रोजा के साथ नमाज अदा कर इबादत में दिन गुजारे. शहर के मस्जिदों में इमामों व मुफ्ती के द्वारा खुत्बा पढ़ा गया और नमाज अदा कराई गई. इस क्रम में उनके द्वारा तकरीर के माध्यम से रमजान और कुरान की फजीलत के बारे में बताया गया और जकात-फितरा पर जोर दिया गया. इमामों ने मुल्क की तरक्की व अमन की दुआएं मांगीं. अजान के बाद नमाजी बड़ी संख्या में मस्जिदों में पहुंचे और अकीदत के साथ नमाज अदा कर अमन-चैन व भाईचारे की दुआ मांगी. जाहिर है कि 2 मार्च से रमजान का पाक माह शुरू होने के साथ ही अकीदतमंद रोजा रखकर इबादत में मशगूल हैं. अलविदा की नमाज अदा करने के साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा ईद की तैयारियां प्रारंभ कर दी गयी हैं.हिफाजत का कवच व नेकी का छाता है रोजा : मो तौकीर

चौसा. अहकामे-शरीअत यह है कि रोजा रखने में बुग़्ज़, फ़रेब, फ़साद, झूठ और बेईमानी से बचा जाए. जाहिर है कि कोई शख़्स जब नेक नीयत और अच्छे जज़्बे के साथ रोजा रखता है,अल्लाह की रज़ामंदी हासिल करने के लिए रोजा रखता है यह सोचकर रोजा रखता है कि अल्लाह सब देख रहा है यानी अल्लाह के ख़ौफ का ख़्याल करके रोजा रखता है तो उसमें पाकीज़गी-ए-ख़्यालात पैदा होती है जो नेक अमल के ज़रिए रोजे को उसका पैरोकार बनाती है.

यानी परहेज़गारी यथा संयम और सात्विक कर्म के साथ रखा गया रोजा अल्लाह के सामने रोजादार की ईमानदारी का तो तरफ़दार है ही, पाकीज़गी का पैरोकार भी है.उक्त बातें जामिया मस्जिद चौसा के ईमाम मौलाना मो.तौकीर अहमद ने रमजान माह के चौथे व अंतिम जुम्मे की नमाज अदा करने आये रोजेदारों को तहरीर देते हुए शुक्रवार को कही. रोजेदारों ने मस्जिदों में अलविदा जुमे की नमाज अदा की : क्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों में रमजान माह के अंतिम जुमे को नमाज अलविदा रमजान की नमाज अदा करने को रोजेदारों भीड़ शुक्रवार को उमड़ पडा. वैसे तो माह-ए-रमजान रूखसत होने के कगार पर है. मस्जिदों में एतेकाफ और शबेकद्र की पांच रातों को जगाने का सिलसिला चल रहा है तो बाजारों में ईद कि खरीदारी भी तेज हो गई है. दिन में रोजा रखने वाले रातभर अल्लाह की इबादत में मशगूल है. शुक्रवार को अलविदा नमाज अदा करने के लिए जामिया मस्जिद चौसा, चुन्नी, बनारपुर, सरेंजा आदि विभिन्न मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ लगी रही.

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