Buxar News: ज्योति चौक से नाथ बाबा मंदिर तक 900 मीटर लंबा बनेगा नगर वन

जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने और आमजन को एक हरित, शांत और प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ज्योति चौक से लेकर नाथ बाबा मंदिर तक 900 मीटर लंबा नगर वन बनाया जायेगा

By RAVIRANJAN KUMAR SINGH | April 25, 2025 9:14 PM

बक्सर .

जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने और आमजन को एक हरित, शांत और प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ज्योति चौक से लेकर नाथ बाबा मंदिर तक 900 मीटर लंबा नगर वन बनाया जायेगा. यह ज्योति चौक से नाथ बाबा मंदिर तक सोन नहर विभाग के स्कैप कैनाल का जीर्णोद्धार कर वन विभाग के द्वारा नगर वन के रूप में विकसित किया जायेगा. स्कैप कैनाल के दोनों तरफ खाली पड़ी जमीन का सौंदर्यीकरण भी किया जायेगा. इस परियोजना को लेकर वन विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर बनाकर संबंधित विभाग को भेज दिया है. यह नगर वन ना केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा, बल्कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा. यह वन नगर ज्योति चौक से नाथ बाबा मंदिर तक हरियाली का जादू विखेरेगा. जिसकी कुल लंबाई 900 मीटर होगा. नगर वन, 32 सुविधाओं से प्रकृति का नया ठिकाना सजेगा. क्या है नगर वन योजना : भारत सरकार की नगर वन योजना के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में छोटे-बड़े वन क्षेत्रों का विकास किया जाता है ताकि शहरीकरण की चकाचौंध में लोग प्रकृति से जुड़ सकें. इसी क्रम में जिले में पहली बार ऐसा नगर वन क्षेत्र मिलने जा रहा है जो पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा और साथ ही पारंपरिक प्राकृतिक सौंदर्य को भी समेटे रहेगा.ज्योति चौक से शुरू होकर नाथ बाबा मंदिर तक यह नगर वन लगभग एक किलोमीटर लंबे क्षेत्र में फैला होगा.

इस मार्ग पर दोनों ओर हरियाली, पेड़-पौधे, फूलों की क्यारियां, हर्बल गार्डन, मेडिटेशन जोन, और वॉकिंग ट्रेल जैसी सुविधाएं साथ साथ पर्यटकों के लिए ओपन जिम, बैडमिंटन कोर्ट, ट्री कोर्ट, फ्लावर शो, म्यूजिक फैटेन, पॉलीहाउस, गायत्री मंत्र थीम कोर्ट, अमलतास कोर्ट, गतिशील मूर्तिकला उद्यान, मौसमी बिस्तर, अखाड़ा, विशेष टीले और पशु टोपियरी, व्यूइंग डेक, पेर्गोलस के चारों ओर फैली हुई सीटें (बहुउद्देशीय/पिस्सू बाज़ार क्षेत्र), बच्चों का खेल क्षेत्र, बहुउद्देशीय मैदान-पतंग उड़ाने/क्रिकेट खेल क्षेत्र, समुदायों और छात्रों के लिए प्रकृति अनुकूल कार्यशाला के लिए बैठने की व्यवस्था, इंडो-इंग्लिश गार्डन, स्थानीय लोक प्रकृति-संस्कृति की कहानी, ज़ेन प्रेरित पत्थर और टोपियरी उद्यान,फेरीवाले और विक्रेता, ऊँट की सवारी, सड़क प्रदर्शन, रेगिस्तानी वनस्पति और रेत के टीले रहेगी. यह इलाका न केवल सैर-सपाटे के लिए उपयुक्त होगा, बल्कि योग, ध्यान और मन की शांति के लिए भी आदर्श स्थान बनेगा. डीपीआर में क्या है खास :

वन विभाग द्वारा तैयार की गई डीपीआर के अनुसार नगर वन में कुल 32 प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.मेडिटेशन और योग जोन: शांत वातावरण में ध्यान और योग के लिए अलग स्थान, हर्बल गार्डन: औषधीय पौधों की विभिन्न प्रजातियाँ जिनसे लोग जागरूक होंगे, वॉकिंग और जॉगिंग ट्रेल्स: सुबह-शाम टहलने के लिए विशेष मार्ग, साइक्लिंग ट्रैक: स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए साइकिल मार्ग, बटरफ्लाई गार्डन: विभिन्न प्रजातियों की तितलियां, बच्चों और प्रकृति प्रेमियों के लिए खास आकर्षण, ओपन जिम: फिटनेस प्रेमियों के लिए आधुनिक ओपन जिम की सुविधा, एम्फीथिएटर: सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामुदायिक आयोजनों के लिए मंच, पिकनिक स्पॉट: परिवार के साथ समय बिताने के लिए उपयुक्त स्थल” चिल्ड्रन प्ले जोन: बच्चों के खेलने के लिए सुरक्षित और आकर्षक स्थान, सेल्फी पॉइंट्स और व्यू डेक्स: युवाओं के लिए सोशल मीडिया फ्रेंडली जोन. पर्यावरण और रोजगार दोनों को मिलेगा बल : नगर वन न केवल शहर की जलवायु को बेहतर बनाएगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी देगा. इस परियोजना के अंतर्गत पौधरोपण, देखरेख, पर्यटन सुविधा संचालन और सुरक्षा से जुड़ी नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे. आस्था और पर्यटन का संगम : नाथ बाबा मंदिर पहले से ही श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख केंद्र है.अब जब यह क्षेत्र नगर वन के रूप में विकसित होगा, तो यह धार्मिक और पारिस्थितिक पर्यटन दोनों का संगम बन जाएगा.श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के साथ नगर वन की हरियाली का आनंद ले सकेंगे.यह नगर वन परियोजना जिले के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है. न केवल यह शहर के सौंदर्य में चार चाँद लगाएगी, बल्कि लोगों को प्रकृति के करीब भी ले जाएगी.यदि यह परियोजना समय पर और योजनाबद्ध तरीके से पूरी होती है, तो यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में जिले का सबसे खूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन सकता है.

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