Muzaffarpur: तीन महीने में एक लाख 28 हजार कंडोम की हुई खपत, डेढ लाख महिलाओं ने अपनाया आधुनिक तरीका

Muzaffarpur जिले के पुरुष भी अब जनसंख्या नियंत्रण में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. पुरुष जहां एक ओर जनसंख्या नियंत्रण के लिये कंडोम का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं महिलाएं बंध्याकरण की जगह अब अंतरा, छाया और माला डी जैसी आधुनिक तरीका अपना रही हैं.

By Radheshyam Kushwaha | May 6, 2025 7:27 PM

कुमार दीपू / Muzaffarpur में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पुरुष वर्ग कंडोम अपना रहे है, तो वहीं महिलाएं अंतरा लगवा रही है. स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से लेकर मार्च तक में पुरुष जहां जिले के सरकारी अस्पतालों से 1 लाख 28 हजार 544 कंडोम लिया हैं. वहीं महिलाएं माला डी 25 हजार 794 का इस्तेमाल किया हैं, जबकि छाया 70 हजार 783 और अंतरा 30 हजार 541 का इस्तेमाल किया हैं.

सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निशुल्क कंडोम की व्यवस्था

सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम पेटिका (कंडोम बाक्स) की व्यवस्था की गयी है. यहां से 24 घंटे कभी भी नि:शुल्क कंडोम प्राप्त लोग कर रहे हैं. इस व्यवस्था से जहां एक ओर लोगों को शर्म और संकोच का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं उनकी जेब भी ढीली नहीं होती और महिलाओं को अनचाहे गर्भ से छुटकारा भी मिल रहा हैं. मुजफ्फरपुर जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर बने बॉक्स में कंडोम के पैकेट भरकर ऐसी जगह लगाये गए हैं, जहां सभी की पहुंच भी हो और उनकी गोपनीयता भी बनी रहे.

कंडोम अधिकतर लोगों के लिए उपयुक्त

कंडोम बॉक्स खाली होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुन: इसे भर देते हैं और यह चक्र चलता रहता है. उन्होंने बताया कि शुरुआत में लोगों को कम जानकारी थी, लेकिन अब इसमें हर दूसरे दिन कंडोम के पैकेट भरने पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि ब्लॉक के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम बॉक्स उपलब्ध हैं. गर्भावस्था को रोकने के साथ ही संक्रमण को रोकना और यौन व प्रजनन स्वच्छता में सुधार करना पुरुष की भी जिम्मेदारी है. इसके लिए परिवार नियोजन का एक मात्र अस्थायी साधन कंडोम अधिकतर लोगों के लिए उपयुक्त है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है.

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