बिहार के ब्रह्मपुर मेले में घोड़ों की रफ्तार का जलवा, करोड़ों के रॉकेट और कल्लू राजा पर सबकी नजरें

Bihar News: बिहार के ऐतिहासिक ब्रह्मपुर मेले में घोड़ा प्रेमियों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी है. देशभर से घुड़सवार और व्यापारी अपने बेहतरीन नस्ल के घोड़ों के साथ यहां पहुंचे हैं. मेले में सबसे ज्यादा चर्चा रॉकेट, कल्लू राजा और वैशाली एक्सप्रेस नाम के घोड़ों की हो रही है, जिनकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है.

By Abhinandan Pandey | February 28, 2025 12:56 PM

Bihar News: बिहार के बक्सर जिले के ऐतिहासिक ब्रह्मपुर मेले में इस बार घोड़ों के शौकीनों का जबरदस्त जमावड़ा लगा हुआ है. देशभर से नामी घुड़सवार, व्यापारी और घोड़ा प्रेमी अपने शानदार घोड़ों के साथ पहुंचे हैं. लेकिन इस मेले में रॉकेट, कल्लू राजा और वैशाली एक्सप्रेस नाम के तीन घोड़े सबकी निगाहों में छाए हुए हैं. खास बात यह है कि इनकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है, मगर मालिकों ने इन्हें बेचने से इनकार कर दिया है.

रॉकेट पर करोड़ों की पेशकश, मालिक ने ठुकराया प्रस्ताव

मेले का सबसे चर्चित नाम “रॉकेट” है, जो भोजपुर के झउआ निवासी हरेराम मुखिया का सिंधी नस्ल का घोड़ा है. अब तक 106 पुरस्कार जीत चुका यह घोड़ा वीआईपी ट्रीटमेंट पाता है. इसकी डाइट में बादाम, काजू, पिस्ता और हलवा शामिल है और इसकी देखभाल पर हर महीने करीब 50 हजार रुपए खर्च होते हैं. बाहुबली नेता अनंत सिंह और मंत्री राम सूरत राय ने इसके लिए 1-1 करोड़ की पेशकश की थी, वहीं एक व्यक्ति ने इसके बदले फोर लेन के किनारे 10 कट्ठा जमीन तक देने की बात कही. लेकिन मालिक ने इन सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया.

“कल्लू राजा” के जलवे, पिछली बार का चैंपियन फिर उतरा मैदान में

भोजपुर के शाहपुर निवासी कृष्णा पांडेय का काठियावाड़ी नस्ल का घोड़ा “कल्लू राजा” भी मेले में जबरदस्त चर्चा में है. इस घोड़े ने पिछले साल की रेस में जीत हासिल की थी, जिसके बाद इसे खरीदने के लिए कई बड़े ऑफर आए थे, लेकिन मालिक इसे नहीं बेचना चाहते. कृष्णा पांडेय के भाई सतेंद्र पांडेय का दावा है कि इस बार भी ब्रह्मपुर मेले का विजेता कल्लू राजा ही होगा.

वैशाली एक्सप्रेस ने भी मचाया धमाल

ब्रह्मपुर मेले में वैशाली एक्सप्रेस नाम का घोड़ा भी अपनी अलग पहचान बना रहा है। यह घोड़ा पहले डुमरी, समस्तीपुर, जहानाबाद और नालंदा में जीत दर्ज करने के बाद बक्सर पहुंचा है. इसके मालिक हंसराज के अनुसार, घोड़े की देखभाल में हर महीने 70 से 80 हजार रुपए का खर्च आता है. इसकी डाइट में गाय का दूध और शुद्ध घी शामिल है.

ब्रह्मपुर मेला: घुड़दौड़ का सुप्रीम कोर्ट

बक्सर का ब्रह्मपुर मेला सोनपुर मेले के बाद बिहार का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला है. लेकिन घोड़ों की रेस और नस्लों की खरीद-बिक्री के लिए यह पूरे भारत में प्रसिद्ध है. इसे घुड़दौड़ का सुप्रीम कोर्ट कहा जाता है, क्योंकि यहां जीतने वाला घोड़ा पूरे देश में अपनी पहचान बना लेता है और उसकी कीमत कई गुना बढ़ जाती है.

पढ़ें प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी: सावधान!  कहीं आपका बच्चा घंटों मोबाइल से चिपक कर मनोरोगी तो नहीं बन रहा

मुंगेर राजाओं के समय से चली आ रही परंपरा

ब्रह्मपुर मेले की परंपरा मुंगेर राजाओं के समय से चली आ रही है. यह मेला सिर्फ घुड़सवारी प्रतियोगिता के लिए ही नहीं, बल्कि देशभर के रईस घोड़ा शौकीनों के लिए एक भव्य प्रदर्शन मंच भी है. यहां आने वाले लोग अपने घोड़ों के लिए विशाल टेंट और स्पेशल देखभाल की सुविधाएं लेकर आते हैं. ब्रह्मपुर मेले में घोड़ों की स्पीड, ताकत और स्टाइल का ऐसा संगम देखने को मिलता है, जो इसे देशभर में घुड़सवारों के लिए प्रतिष्ठित और निर्णायक मंच बनाता है.